भारत ने पीएफआई को किया बैन तो पाकिस्‍तान को लगी मिर्ची, पहले सपोर्ट में ट्वीट, फिर डिलीट

भारत सरकार ने बुधवार को एक बड़ा फैसला लिया। सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया है। जहां भारत (India) में ही कुछ लोग इस फैसले का विरोध कर रहे हैं तो वहीं पाकिस्‍तान (Pakistan) ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है। यह प्रतिक्रिया हालांकि कनाडा में पाकिस्‍तान कांसुलेट की तरफ से आई है।

PFI

वैंकुवर: कनाडा के वैंकुवर स्थित पाकिस्‍तान कांसुलेट की तरफ से बुधवार को भारत सरकार के एक और फैसले पर प्रतिक्रिया दी गई है। भारत ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्‍ट (UAPA) 1967 के तहत बैन कर दिया है। भारत सरकार के इस फैसले पर पाकिस्‍तान कांसुलेट की तरफ से साइलेंट रिएक्‍शन दिया गया है। आधिकारिक तौर पर तो कांसुलेट ने कुछ नहीं कहा है लेकिन उसने पीएफआई के उस ट्वीट पर जवाब दिया है जो इस फैसले के विरोध में था। सिर्फ इतना ही नहीं इस ट्वीट में संयुक्‍त राष्‍ट्र से लेकर कई अंतरराष्‍ट्रीय संगठनों को टैग किया गया है।

कई लोगों को किया टैग
पीएफआई ने बैन के बाद ट्वीट किया था और कहा था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्‍यों में बड़े स्‍तर पर गिरफ्ता‍रियां हो रही हैं। पीएफआई ने इसके साथ ही इसे संगठन को निशाना बनाने वाला सरकार का तानाशाही रवैया करार दिया। इसके बाद कांसुलेट की तरफ से इस ट्वीट के रिप्‍लाई के तौर पर अमेरिका के अटॉर्नी केन रॉथ जो मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं, उन्‍हें भी टैग किया गया था। इसके अलावा यूएन के मानवाधिकार आयोग से लेकर यूरोपियन यूनियन और एमेनेस्टी तक को टैग किया गया था।

पुणे में लगे पाकिस्‍तान के नारे
पाकिस्‍तान के विदेश विभाग तक को इसमें टैग किया गया था। इस रिप्‍लाई को थोड़ी देर बाद ही अपने ट्विटर हैंडल से कांसुलेट ने हटा दिया था। साल 2006 में पीएफआई की शुरुआत हुई थी और पिछले कुछ सालों से यह संगठन काफी चर्चा में था। पिछले दिनों पुणे में हुई एक रैली में जब ‘पाकिस्‍तान जिंदाबाद’ के नारे लगे तो सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए थे। इसके बाद महाराष्‍ट्र सरकार की तरफ से भी नारे लगानों के खिलाफ एक्‍शन लिया गया था।
तुर्की और आईएसआई की मदद
पिछले हफ्ते ही राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की जांच में यह बात सामने आई थी कि पीएफआई के लिए तुर्की और पाकिस्‍तान की इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई से किस तरह से पैसा आ रहा है। एनआईए ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि आईएसआईए की मदद से पीएफआई को जमकर पैसा मिल रहा है जिसे टेरर फंडिंग में प्रयोग किया जा रहा है। एनआईए ने कहा था कि पाकिस्‍तान खाड़ी देशों में काम करने वाले मजदूरों के बैंक अकाउंट्स की मदद से पीएफआई को फंडिंग कर रहा है।