रूस और यूक्रेन के बीच बीते 2 हफ़्तों से युद्ध (Russia Ukraine War) चल रहा है. सैंकड़ों लोगों ने अपना घर-बार सबकुछ खो दिया और पड़ोसी देशों में शरण ली है. दक्षिण एशियाई देशों के भी कई छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं. भारत, ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga) के तहत भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकाला जा रहा है. भारतीय दूतावास (Indian Embassy) भारत ही नहीं, अन्य छात्रों की भी मदद कर रही है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान की असमां शफ़ीक़ (Asma Shafique) को यूक्रेन से निकलने में भारतीय अधिकारियों ने मदद की. भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने शफ़ीक़ को सुरक्षित निकाला और जल्द ही वो अपने देश वापस लौटेंगी.
एक वीडियो के ज़रिए शफ़ीक़ ने भारतीय दूतावास और भारत के प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया. शफ़ीक़ ने कहा, ‘मैं कीव के भारतीय दूतावास का शु्क्रिया करना चाहती हूं क्योंकि हम सब यहां बुरी तरह फंसे थे. मैं भारत के प्रधानमंत्री को उनके समर्थन के लिए भी धन्यवाद कहना चाहती हूं. उम्मीद है हम भारतीय दूतावास की वजह से जल्दी सुरक्षित कर पहुंच जाएंगे.’
की रिपोर्ट के अनुसार, ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. विदेश मंत्रालय के हवाले से ख़बर मिली थी कि बांग्लादेश के व्यक्ति और नेपाल के एक व्यक्ति को भी ऑपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन से सुरक्षित निकाला गया है. के मुताबिक, भारतीय अधिकारी भारत के छात्रों के साथ ही नेपाल के रौशन झा को सुरक्षित दिल्ली ले आए. काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास ने जानकारी दी कि यूक्रेन से पोलैंड के रास्ते 7 अन्य नेपाल के बाशिंदों को सुरक्षित घर वापस पहुंचाया गया.
मंगलवार को विदेश मंत्रालय ने कहा कि सूमी से तमाम भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. ऑपरेशन गंगा के तहत अब तक 18,000 भारतीयों को यूक्रेन से सुरक्षित वापस लाया गया है.