India-Russia-US: भारत को प्रतिबंधों से छूट देना, अमेरिकी कमजोरी का सुबूत…S-400 डील सफल होने पर रूस ने कसा तंज

रूस (Russia) की तरफ यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine war) के बावजूद से भारत ये एस-400 मिसाइल एयर डिफेंस (S-400 Missile Air Defence System) की सप्‍लाई पूरी करने का वादा किया गया है। भारत ने जब रूस के साथ ये डील साइन की थी तो उसने अमेरिका से प्रतिबंधों का खतरा तक मोल ले लिया था।

S-400 Missile Defence system

मॉस्‍को: रूस ने अमेरिका पर एकबार फिर जोरदार हमला बोला है। रूस ने अमेरिका पर ‘एकतरफा प्रतिस्‍पर्धा’ का आरोप लगाया है। साथ ही उसने कहा है कि अमेरिका की तरफ से कई तरह के ऐसे कदम उठाए गए हैं जिनकी वजह से भारत की संप्रभुता तक खतरे में आ गई है। रूस के एक अधिकारी ने हाल ही में भारत को मिलने वाले एस-400 मिसाइल एयर डिफेंस सिस्‍टम का भी जिक्र अपने बयान में किया है। अधिकारी की मानें तो इस डील के साथ भारत पर जहां प्रतिबंध का खतरा बढ़ा तो अमेरिका की भी एक कमजोरी सामने आ गई। दरअसल पश्चिमी देशों की तरफ से रूस पर यूक्रेन युद्ध के बाद कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। इन प्रतिबंधों की वजह से रूस को हथियारों की पेमेंट मिलने में कई तरह की दिक्‍कतें आ रही हैं। रूस अब इससे तिलमिला गया है और इस वजह से रूस के अधिकारी ने अपना गुस्‍सा जमकर निकाला है।

भारत को मिली छूट
दमित्री सुगाएव जो कि रूस की सरकारी एजेंसी फेडरल सर्विस फॉर मिलिट्री-टेक्निकल कोऑपरेशन (FSMTC) के मुखिया हैं, उन्‍होंने अमेरिका पर तल्‍ख टिप्‍पणी की है। उन्‍होंने कहा है कि एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम पर अमेरिका की तरफ से प्रतिबंधों का डर दिखाना दरअसल उसकी कमजोरी को बयां करता है। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की तरफ से भारत को इसी साल जुलाई में काटसा (CAATSA) कानून के तहत प्रतिबंधों से बाहर कर दिया था। साल 2018 में जब रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादीमिर पुतिन भारत की यात्रा पर आए थे तो दोनों देशों के बीच 5.43 बिलियन डॉलर यानी 40,000 करोड़ रुपए के साथ इस सिस्‍टम की डील हुई थी। इस डील में भारत को 5 सिस्‍टम मिलने थे।

दमित्री ने कहा, ‘अमेरिकी पक्ष ने भारत और रूस के बीच हुई डील को प्रतिबंधों का उल्‍लंघन माना था। लेकिन आखिर ऐसा क्‍या हुआ कि अमेरिकी पक्ष ने अपना रुख ही बदल लिया? मुझे इसके पीछे की कहानी का जरा भी अंदाजा नहीं है लेकिन हो सकता है कि उनकी कमजोरी ने उन्‍हें ऐसा करने के लिए मजबूर किया हो।’ अमेरिका ने इसी हथियार की डील के बाद तुर्की के खिलाफ प्रतिबंध लगाए दिए थे। भारत को इन प्रतिबंधों से छूट दी गई है। अमेरिका का कहना था कि भारत के लिए विदेश नीति में बदलाव करने की यह स्थिति लंबे समय तक के लिए है।

सुआगेव, रूस के वह व्‍यक्ति हैं जो विदेशों को निर्यात होने वाले हथियारों पर नजर रखते हैं। उनका कहना था कि पश्चिमी प्रतिबंध अमेरिका की भेदभाव वाली नीति का हिस्‍सा हैं। इसका मकसद किसी स्‍वतंत्र देश के संप्रभु अधिकारों का उल्‍लंघन कर अपनी सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। उनसे सवाल पूछा किया गया था कि रूस प्रतिबंधों का सामना कैस कर रहा है। इस पर रूस के अधिकारी ने कहा कि नए उत्‍पादन केंद्र और लॉजिस्टिक्‍स श्रृंखला को मजबूत किया जा रहा है। हालांकि उन्‍होंने इस बारे में कोई और जानकारी नहीं दी।

क्‍या है CAASTA ACT

CAATSA यानी काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट है। यह कानून अमेरिकी प्रशासन को उन देशों पर प्रतिबंध लगाने के लिए अधिकृत करता है, जो रूस से प्रमुख रक्षा उपकरण खरीदते हैं। अमेरिकी सरकार रूसी रक्षा और खुफिया क्षेत्रों के साथ लेनदेन में शामिल देशों के खिलाफ CAATSA के तहत दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है।

पिछले दिनों भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद रो खन्‍ना ने ही काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट’ (CAATSA) में संशोधन का एतिहासिक विधेयक प्रस्‍ताव पेश किया था। उनके इसी प्रस्‍ताव को अमेरिकी सभा ने मंजूरी दे दी है। अभी जबकि भारतीय वायुसेना को बस एक ही रेजीमेंट मिली है, इस शक्तिशाली सिस्‍टम को पश्चिमी मोर्चे पर पाकिस्‍तान के खिलाफ तैनात किया जा चुका है। इसकी दूसरी रेजीमेंट को पूर्वी मोर्चे पर चीन के खिलाफ तैनात किया जाएगा। भारत पर इस एक्‍ट के तहत कार्रवाई की आशंकाओं पर अमेरिकी सरकार अपने ही देश में विरोधियों के निशाने पर आ गई थी।