Indian Hostage in Mayanmar: इलेक्ट्रिक शॉक, भूखा रखना, भागने पर गोली मारे जाने का डर… म्यांमार में बंधक भारतीयों के टॉर्चर की कहानी

म्यांमार में बंधक भारतीयों ने अपने जीवन को खतरे डालते हुए मीडिया से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि कैसे साइबर क्राइम के लिए मना करने पर उन्हें इलेक्ट्रिक शॉक दिया जाता है। इन पीड़ितों ने राज्य और केंद्र सरकार से अपनी सुरक्षित रिहाई की अपील की है।

 

Mayammar Hostage

हाइलाइट्स

  • म्यांमार के म्यावाडी में बंधक बनाए गए 300 भारतीयों में से तकरीबन 30 केरल के निवासी
  • बंधक बनाए गए भारतीयों को थाइलैंड में नौकरी का वादा कर साइबर क्राइम में धकेल दिया गया
  • बंधकों ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से भयानक टॉर्चर की कहानी बयां की

कोच्चि/हैदराबाद: म्यांमार के म्यावाडी में बंधक बनाए गए 300 भारतीयों में से तकरीबन 30 केरल के निवासी हैं। इन्हें थाइलैंड में नौकरी का वादा कर साइबर क्राइम में धकेल दिया गया है। बंधकों ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से अपने भयानक टॉर्चर की कहानी बयां की। उन्होंने बताया कि कैसे साइबर क्राइम से इनकार करने पर उन्हें इलेक्ट्रिक शॉक दिया जाता है। इन पीड़ितों ने राज्य और केंद्र सरकार से अपनी सुरक्षित रिहाई की अपील की है। म्यांमार में ‘बिलियन डॉलर कैसिनो और टूरिज्म कॉम्प्लेक्स’ को श्वे कोको (Shwe Kokko) कहा जाता है जिसका मालिक चाइनीज बिजनसमैन शी जीजियांग है। बीबीसी के मुताबिक, पिछले महीने उसे गिरफ्तार किया गया है। उसे इंटरपोल ने वॉन्टेड करार दिया था।

एमबीटी नेता और सोशल ऐक्टिविस्ट अमजद उल्लाह खान ने बताया कि नौ आईटी पेशेवरों की भारत लौटने में मदद की गई है। उनमें से कुछ को क्रिप्टोकरंसी में फिरौती देने के लिए मजबूर किया गया था। एक अगवा किए गए केरल युवक ने बताया कि कैंप ऊंची ब्राउंडी वाली दीवारों से घिरा है और वहां स्निपर राइफल के साथ गार्ड तैनात रहते हैं। उन्हें बिना भुगतान के एक दिन में 16 घंटे तक काम करने के लिए मजबूर किया जाता है।

आदेश न मानने पर दिया जाता है बिजली का झटका
टॉर्चर और कुपोषण के अलावा वे गोली से मारे जाने के डर से ट्रॉमा में हैं। उनका पासपोर्ट सीज कर लिया गया है और उनके फोन इस्तेमाल करने पर भी कई तरह का प्रतिबंध है। हथियारबंद गार्ड उसे चेक करते रहते हैं। इन बंधकों में से कुछ अपनी जान को खतरे में डालकर मीडिया तक पहुंचे।

एक पीड़ित ने बताया, ‘हम अब गुलाम हो चुके हैं। वो हमसे रोज जिंदा रहने के लिए लार्ज स्केल डेटा फ्रॉड के तहत साइबर क्राइम कराते हैं। अधिकतर फिशिंग टारगेट ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के होते हैं। जो आदेश मानने से इनकार कर देते हैं उन्हें स्टन बैटॉन और टेजर से बिजली का झटका दिया जाता है। इसके बाद उनपर और अधिक जुल्म होता है, उन्हें मारा-पीटा जाता है, एकांतवास में रखा जाता है और खाना भी नहीं दिया जाता है।’

परिवार वालों से मांगी जा रही फिरौती
पीड़ित के अनुसार, जबसे मीडिया में म्यांमार में बंधक बनाए गए भारतीयों की खबर चल रही है, तबसे उन्हें दूसरी जगहों पर शिफ्ट किया जाता है। पीड़ित और अन्य बंधकों को डर है कि कहीं उन्हें भी न दूसरी जगह भेज दिया जाए।

हैदराबाद का एक शख्स क्रिप्टो करंसी में फिरौती देकर किसी तरह लौटने में सफल रहा। दूसरे आईटी प्रफेशनल के परिवार से उसे छुड़ाने के लिए डॉलर 5000 (4 लाख रुपये से अधिक) की फिरौती मांगी गई। उसे मेय सॉट के वनक्षेत्र में रखा गया है। यह थाईलैंड का एक जिला है जिसकी सीमा म्यांमार से लगी है।

किडनैप युवक के रिश्तेदार ने बताया, ‘हमें क्रिप्टोकरंसी का इस्तेमाल कर कुछ खरीदारी करने को कहा गया, जो यह सुनिश्चित करेगा कि पैसा मेय सॉट में तैनात आदमियों तक पहुंच गया है।’ रिश्तेदार ने बताया, ‘हमने आग्रह किया कि जब मेरा भतीजा वापस लौट आएगा तो उनके एजेंट को पैसे दे दिए जाएंगे। परिवार युवक के सुरक्षित लौटने का इंतजार कर रहा है।’

एयरपोर्ट से गन पॉइंट पर म्यांमार लेकर आए
जुलाई और अगस्त के बीच केरल के युवकों को थाईलैंड में डेटा एंट्री ऑपरेटर के रूप में भर्ती किए जाने के बाद फंसाया गया। बैंकॉक आने के बाद, उन्हें एयरपोर्ट से पिक किया गया और बाद में गन पॉइंट पर जंगलों के जरिए अवैध रूप से सीमा पार कराकर म्यांमार में बंधक बनाया गया।

पीड़ित ने बताया, ‘जैसे ही हमें अहसास हुआ कि ये हथियारबंद गार्ड हमारी सुरक्षा के लिए नहीं हैं, हमें पता चल गया था कि हम किडनैप हो चुके हैं। और एक बार जब कैंप पहुंचे तो वहां से बाहर निकलने का कोई रास्ता ही नहीं था।’ पीड़ित के अनुसार, कैंप में हमें नियम कानून बताए गए और धमकी दी गई कि अगर हमने भागने की कोशिश की तो वे हमें मारकर शव को पासपोर्ट के साथ थाईलैंड बॉर्डर पर फेंक देंगे।

अमजद उल्लाह खान के ट्वीट की प्रतिक्रिया में गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवासी भारतीय सहायता केंद्र ने पीड़ितों की मदद के लिए टेलीफोन नंबर और ईमेल आईडी साझा की।