जहां पर विभिन्न संस्थाओं द्वारा उनका स्वागत किया गया और उन्हें सम्मानित किया गया। इस दौरान पत्रकारों को संबोधित करते हुए बलजीत कौर ने कहा कि मैं पहाड़ों की बेटी है और पहाड़ों को तो नहीं छोड़ सकती है लेकिन अब कुछ समय वह अपनी माता पिता के साथ वो समय बिताना चाहती है,वे तीन-चार महीनों तक अपने परिवार को समय देगी क्योंकि करीब 6 से 7 साल हो गए हैं वह अपने परिवार के साथ अच्छे से समय व्यतीत नहीं कर पाए हैं।
बलजीत कौर ने कहा कि जो भी हादसा वहां पर पेश आया वह मैनेजमेंट की गलती थी यदि सही शेरपा उनके साथ भेजा जाता तो यह हादसा न होता, क्योंकि जो उनके लिए एजेंसी ने शेरपा भेजा था वह किसी और के साथ अधिक पैसों के लिए चला गया। बलजीत ने कहा कि वह इसमें किसी को भी दोषी नहीं ठहराना चाहती है क्योंकि पैसों के लिए उस शेरपा ने किसी और क्लाइंट को चुना होगा लेकिन जो शेरपा उनके साथ दोबारा कंपनी ने भेजा था वह भी उन्हे बीच रास्ते में छोड़ कर चला गया, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और पहाड़ो से मिली चुनौती को स्वीकार कर अन्नपूर्णा को फतह कर वे वापस लौट आई है।