इंडियन रेलवे भारत में आसानी से उपलब्ध होने वाला सार्वजनिक परिवहन का सबसे महत्वपूर्ण साधन है।
देश में रेलवे स्टेशनों को मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा गया है। इन तीन भागों में टर्मिनल, जंक्शन और सेंट्रल शामिल है। आइए तीनों भागों के विषय में एक-एक कर जान लेते हैं।
1- टर्मिनल
टर्मिनल का मतलब है समाप्त हो जाना यानी जब रेलवे ट्रैक या रास्ता समाप्त हो जाता है, तो वल स्टेशन टर्मिनल के रूप में जाना जाता है। इस स्टेशन से ट्रेन आगे नहीं जाती है यानी ट्रेन केवल एक ही दिशा में स्टेशन में प्रवेश कर सकती है या छोड़ सकती है। छत्रपति शिवाजी टर्मिनल और लोकमान्य तिलक देश के सबसे बड़े टर्मिनल स्टेशन हैं। टर्मिनल का अन्य उदाहरण बांद्रा टर्मिनल, हावड़ा टर्मिनल, भावनगर टर्मिनल एत्यादि।
2- सेंट्रल स्टेशन
बात अगर सेंट्रल स्टेशन की हो तो यह शहर का महत्वपूर्ण और सबसे व्यस्त स्टेशन होता है। यह अक्सर काफी बड़े होते हैं और इनके कई स्टेशन होते हैं जहां बड़ी संख्या में लोगों की आवाजाही होती है। अगर किसी राज्य में कई स्टेशन हैं तो यह जरूरी नहीं कि उस शहर में सेंट्रल स्टेशन भी हो। जैसे भारत की राजधानी दिल्ली में कोई सेंट्रल स्टेशन नहीं है लेकिन इसके स्टेशन सबसे पुराने हो सकते हैं इसलिए इन्हें सेंट्रल स्टेशन का नाम दिया गया है। भारत में कुल 5 सेंट्रल स्टेशन हैं यानी त्रिवेंद्रम सेंट्रल, कानपुर सेंट्रल, मैंगलोर सेंट्रल, मुंबई सेंट्रल और चेन्नई सेंट्रल।
3- जंक्शन
यदि एक स्टेशन से कम से कम 3 रूट गुजर रहे हों तो स्टेशन को जंक्शन कहा जाता है। इसका मतलब है कि स्टेशन में आने वाली ट्रेनों में कम से कम दो आउटगोइंग ट्रेन लाइनें होनी चाहिए। मथुरा सबसे अधिक रूट वाला जंक्शन है जिसके 7 रूट हैं। अगर अन्य जंक्शन रूटों की बात हो तो सेलम जंक्शन के 6 रूट है, विजयवाड़ा के 5 रूट और बरेली जंक्शन आदि के भी 5 मार्ग रूट हैं। यानी ये सभी स्टेशन जंक्शन कहलाते हैं।