Indian Railways : रेलवे का बड़ा फैसला, अब यात्रियों को इन कोच में भी मिलेगी बेडरोल की सुविधा

रेलवे ने महामारी के दौरान ट्रेनों में बेडरोल की सुविधा बंद कर दी थी.

रेलवे ने महामारी के दौरान ट्रेनों में बेडरोल की सुविधा बंद कर दी थी.

नई दिल्‍ली. भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने अपने यात्रियों की सुविधा में बड़ा विस्‍तार किया है. नई घोषणा के तहत यात्रियों को अब उन कोच में भी बेडरोल की सुविधा मिलेगी, जिनमें अभी तक नहीं मिलती थी.

रेलवे ने एसी कोच के साथ कम किराये वाले थर्ड एसी इकॉनमी क्‍लास के कोच भी कई ट्रेनों में लगा रखे हैं. इस क्‍लास के टिकट सामान्‍य थर्ड एसी क्‍लास के मुकाबले कम तो होते हैं, लेकिन इसमें रेलवे की ओर से अभी तक बेडरोल नहीं दिया जाता था. अब भारतीय रेल विभाग ने कहा है कि इस कोच के यात्रियों को भी बेडरोल की सुविधा दी जाएगी. रेल मंत्रालय की घोषणा के मुताबिक, 20 सितंबर 2022 से थर्ड एसी इकॉनमी क्‍लास के डिब्‍बे में सफर करने वाले यात्रियों को भी अब बेडरोल उपलब्‍ध कराया जाएगा.

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बेडरोल रखने के लिए तीन बर्थ आरक्षित
रेल विभाग अभी तक इस बात को लेकर परेशान था कि थर्ड एसी इकॉनमी क्‍लास के डिब्‍बों में बेडरोल रखने की जगह नहीं होती थी. इसका हल निकालते हुए तय किया गया है कि अब हर डिब्‍बे में बर्थ संख्‍या 81,82 और 83 का इस्‍तेमाल लिनेन (बेडरोल) रखने में किया जाएगा. ऐसे में 20 सितंबर या उसके बाद यात्री इन बर्थ संख्‍या पर अपना टिकट रिजर्वेशन नहीं कर सकेंगे.

रेलवे ने यह भी बताया है कि जिन यात्रियों ने पहले से टिकट करा रखा है और उनकी यात्रा की तारीख 20 सितंबर के बाद है. साथ ही उनकी बर्थ संख्‍या 81,82 और 83 है तो ऐसे यात्रियों को रेलवे के इमरजेंसी कोटे के तहत अन्‍य बोगी में समायोजित किया जाएगा. इसकी सूचना भी संबंधित यात्रियों को एसएमएस के जरिये उपलब्‍ध करा दी जाएगी. रेलवे ने यह भी स्‍पष्‍ट किया है कि 20 सितंबर के बाद से यात्री थर्ड एसी इकॉनमी कोच में बर्थ संख्‍या 81,82 और 83 पर अपना टिकट आरक्षण नहीं करा सकेंगे.

महामारी में बंद हो गई थी बेडरोल सुविधा
रेल मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी के दौरान देश में चलने वाली सभी ट्रेनों में बेडरोल की सुविधा बंद कर दी थी. दरअसल, कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए रेलवे ने यह कदम उठाया था. बाद में स्थितियां सामान्‍य होने पर पहले राजधानी, शताब्‍दी जैसी ट्रेनों में बेडरोल की सुविधा शुरू की गई और अब यह सुविधा लगभग सभी ट्र्रेनों के एसी कोच में दी जाने लगी है.