भारत में कुल 7,325 रेलवे स्टेशन हैं. इनमें एक से बढ़ कर एक ऐसे रेलवे स्टेशन हैं जो अपनी खूबसूरती के लिए फेमस हैं. वहीं कई रेलवे स्टेशन अपने लंबे प्लेटफ़ॉर्म तो कई सबसे ज्यादा प्लेट फॉर्म्स के लिए प्रसिद्ध हैं लेकिन आज हम आपको बताएंगे देश के कुछ ऐसे रेलवे स्टेशनों के बारे में जो अपने अनोखेपन के लिए जाने जाते हैं.
तो चलिए जानते हैं कि इन रेलवे स्टेशनों में ऐसी क्या अनोखी बात है जो इन्हें अन्य रेलवे स्टेशनों से अलग बनाती है :
1. भवानी मंडी
दिल्ली-मुंबई रेल लाइन पर स्थित इस रेलवे स्टेशन की अनोखी बात ये है कि इसका संबंध दो राज्यों से है. राजस्थान के झालावाड़ जिले और कोटा संभाग में आने वाला ये स्टेशन राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच बंटा हुआ है. इस स्टेशन पर ट्रेन का इंजन एक राज्य में तो ट्रेन के गार्ड का डिब्बा दूसरे राज्य में खड़ा होता है. वहीं रेलवे स्टेशन के एक छोर पर राजस्थान का बोर्ड लगा है तो दूसरे छोर पर मध्य प्रदेश राज्य का बोर्ड लगा हुआ है.
2. नवापुर रेलवे स्टेशन
ये रेलवे स्टेशन भी दो राज्यों में बंटा हुआ है. ये स्टेशन गुजरात और महाराष्ट्र दोनों राज्यों की सीमा में पड़ता है. इस रेलवे स्टेशन पर लगे हुए एक बेंच पर बैठते हुए यात्रियों को ध्यान रखना पड़ता है कि वे किस राज्य में बैठे हैं. क्योंकि बेंच के आधे हिस्से में महाराष्ट्र लिखा है और आधे में गुजरात. एक अनोखी बात ये भी है कि यहां हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती और मराठी जैसी अलग अलग भाषाओं में घोषणाएं की जाती हैं.
दरअसल, जब इस स्टेशन का निर्माण हुआ था तब महाराष्ट्र और गुजरात एक ही राज्य थे. ये नवापुर स्टेशन संयुक्त मुंबई प्रांत का हिस्सा था. 1 मई, 1961 को मुंबई प्रांत का विभाजन हुआ, तो यह दो राज्यों महाराष्ट्र और गुजरात में विभाजित हो गया. इस बंटवारे में दोनों राज्यों के बीच नवापुर स्टेशन आया और तब से इसकी एक अलग ही पहचान बन गई.
3. बेनाम रेलवे स्टेशन
पश्चिम बंगाल के बर्धमान जिले में एक रेलवे स्टेशन है जिसका कोई नाम ही नहीं है. बर्धमान टाउन से 35 किलोमीटर दूर बांकुरा-मैसग्राम रेल लाइन पर 2008 में इस रेलवे स्टेशन का निर्माण हुआ था. तब इस स्टेशन को एक नाम भी मिला था और वो नाम था रैनागढ़ लेकिन रैना गांव के लोगों को ये बात पसंद नहीं आई. ऐसे में उन्होंने रेलवे बोर्ड से इस मामले की शिकायत कर दी. तब से ना तो इस मामले पर कोई फैसला आया और ना ही इस स्टेशन को कोई नाम मिला.
4. झारखंड का बेनाम स्टेशन
झारखंड की राजधानी रांची से टोरी जाने वाली ट्रेन एक ऐसे स्टेशन से हो कर गुजरती है जिसका कोई नाम ही नहीं है. इस स्टेशन पर आपको कोई भी साइन बोर्ड देखने को नहीं मिलेगा. 2011 में जब इस स्टेशन से पहली बार ट्रेन का परिचालन हुआ रेलवे ने इसका नाम बड़कीचांपी रखने का सोचा लेकिन इस फैसले के बाद उन्हें कमले गांव के लोगों का विरोध सहना पड़ा. कमले के लोगों का कहना था कि इस रेलवे स्टेशन के लिए उन्होंने जमीन दी थी, इसे बनाने में मजदूरी भी उन्हीं के गांव के लोगों ने की तो ऐसे में इस स्टेशन का नाम कमले होना चाहिए. इस विवाद के बाद इस स्टेशन को आज तक कोई नाम नहीं मिला है.
5. अटारी
हमारे देश में एक ऐसा रेलवे स्टेशन भी है जहां जाने के लिए आपके पास वीजा होना चाहिए. अगर आपके पास वीजा नहीं हुआ तो आपको सजा हो सकती है. भारत में स्थित इस स्टेशन पर जाने के लिए आपके पास पाकिस्तान का वीजा होना जरूरी है. ये स्टेशन है अमृतसर का अटारी रेलवे स्टेशन. भारत पाकिस्तान सीमा पर स्थित होने के कारण ये स्टेशन हमेशा सुरक्षा बालों की सख्त निगरानी में रहता है. अगर कोई यहां बिना वीजा के पकड़ा जाता है तो उस पर 14 फोरन एक्ट के तहत मामला दर्ज होता है.