मार्च के महीने में एक दिन अचानक खबर आई कि भारत की मिसाइल पाकिस्तान में गिरी है। दोनों देशों में तनाव 365 दिन रहता है। पाकिस्तान को भनक नहीं लगी और भारत की ब्रह्मोस 100 से भी ज्यादा दूरी तक पहुंच गई। बाद में उसने झूठ फैलाया कि भारत ने जानबूझकर टेस्ट किया है। अब भारत सरकार ने इस घटना के जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त ऐक्शन लिया है।
नई दिल्ली: कुछ महीने पहले जब रूस की मिसाइलें धड़ाधड़ यूक्रेन को तबाह कर रही थीं, एक दिन अचानक भारत की मिसाइल पाकिस्तान में गिर गई। वो भी कोई छोटी-मोटी नहीं, सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में से एक ब्रह्मोस (BrahMos missile), जो परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है। पाकिस्तान की सेना यह जानकर हैरान रह गई कि भारत की महाविनाशक मिसाइल देश में 1-2 किमी नहीं पूरे 124 किमी भीतर घुस आई और उसका पूरा निगरानी तंत्र फेल रहा। हालांकि पाकिस्तानी नेता और सोशल मीडिया पर लोग भारत के खिलाफ आग उगलने लगे। वे दावा करने लगे कि भारत ने हरियाणा के सिरसा से जानबूझकर पाकिस्तान की तरफ मिसाइल दागी और यह एक तरह का टेस्ट था। उस समय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि 9 मार्च को मिसाइल अनजाने में चल गई थी। आज इस घटना पर ऐक्शन हुआ है। सरकार ने भारतीय वायुसेना के तीन अधिकारियों को इस घटना के लिए जिम्मेदार मानते हुए बर्खास्त कर दिया है। इस ऐक्शन से पाकिस्तान के उन लोगों को भी जवाब मिल गया है जो अब तक प्रोपगैंडा फैला रहे थे। और दुनिया में भारत की तरफ से एक जिम्मेदार देश होने का संदेश गया है।
IAF के तीन अधिकारी बर्खास्त
रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को एयरफोर्स के उन तीन अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया जिन्हें 9 मार्च को दुर्घटनावश ब्रह्मोस मिसाइल दागे जाने की घटना की उच्चस्तरीय जांच में जिम्मेदार ठहराया गया था। कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में पाया गया कि इन अधिकारियों ने मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का पालन नहीं किया। केंद्र सरकार ने उनकी सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी हैं। अधिकारियों को 23 अगस्त को बर्खास्तगी के आदेश दे दिए गए हैं।
जिन अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त किया गया है उनमें एक ग्रुप कैप्टन, एक विंग कमांडर और एक स्क्वाड्रन लीडर शामिल हैं।
क्या बीच में रोक सकते थे?
तब पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर लोग लिख रहे थे कि अगर भारत की ओर से गलती से ब्रह्मोस चल गई तो उसे बीच रास्ते में रोका क्यों नहीं गया। कुछ पाक नेताओं और मीडिया ने भी ऐसे सवाल खड़े किए थे। बाद में भारतीय वायुसेना के सूत्रों ने बताया था कि ब्रह्मोस जैसी टैक्टिकल मिसाइल अगर छूट जाती है तो उसे बीच में रोका नहीं जा सकता। ब्रह्मोस में ‘खुद से नष्ट होने का मेकैनिज्म’ नहीं है। केवल अग्नि और पृथ्वी बैलिस्टिक मिसाइलों में यह ‘किल स्विच’ होता है।
बेइज्जती से बचने को पाक का ड्रामा
दरअसल, पाकिस्तान की बौखलाहट की वजह अलग थी। उस दिन पाकिस्तान के मियां चन्नू इलाके में ब्रह्मोस गिरने से किसी की जान नहीं गई थी लेकिन पाकिस्तान ने दुनिया में अपनी बेइज्जती से बचने के लिए यह फैला दिया कि पाक फौज इस मिसाइल को ट्रैक कर रहे थे जबकि सच्चाई सबको पता चल चुकी थी। बाद में पाकिस्तान ने कहना शुरू कर दिया कि वह रिवर्स इंजीनियरिंग करेगा। इसका मतलब वह ब्रह्मोस टेक्नोलॉजी को कॉपी कर लेगा। इसमें भी उसे मुंह की खानी पड़ी। एक्सपर्ट ने बताया था कि ब्रह्मोस गिरने के बाद पूरी तरह से नष्ट हो जाती है उसमें ऐसा कुछ नहीं बचता जिसकी नकल की जा सके।
भारत की ब्रह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता करीब 400 किमी मानी जाती है। भारत कई बार इसका टेस्ट कर चुका है लेकिन जब मार्च के बाद से पाकिस्तान की सेना की धुकधुकी जरूर बढ़ गई है। उस समय लोकसभा में रक्षा मंत्री ने कहा था कि भारत की मिसाइल प्रणाली बेहद सुरक्षित और भरोसेमंद है। देश का रक्षा प्रतिष्ठान सुरक्षित प्रक्रियाओं और मानकों को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। उन्होंने घटना पर खेद जताया था। दुनिया ने भारत के बयान पर भरोसा जताया था और आज के सख्त ऐक्शन से एक बार बड़ा संदेश गया है और पाकिस्तान का झूठ बेनकाब हो गया है।