रॉकेट की स्पीड से भाग रही भारत की अर्थव्यवस्था! जर्मनी और जापान भी छूटेंगे पीछे, एक्सपर्ट ने बताया कब तक

Largest Economies In The World: आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा के मुताबिक, साल 2025-26 तक भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। वहीं साल 2027 तक, भारत जापान को भी पीछे छोड़ देगा और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है।

नई दिल्ली: पूरी दुनिया में भारत का डंका बज रहा है। देश की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। भारत फिलहाल दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (Largest Economy) बन चुका है। अभी भारत से आगे जर्मनी, जापान, चीन और अमेरिका (Largest Economies In The World) हैं। भारत में कई उद्योगपति, मंत्री और आर्थिक विशेषज्ञ ये उम्मीद रखते हैं कि आने वाले वर्षों में भारत की आर्थिक गति इतनी तेज़ी से बढ़ेगी कि ये चीन को भी पीछे छोड़ देगी। चीन इस समय अमेरिका के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। भारत की अर्थव्यवस्था बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है। भारत जल्द ही जर्मनी को छोड़कर चौथे नंबर पर पहुंच जाएगा। वहीं जापान की अर्थव्यवस्था को भी भारत आने वाले समय में पीछे छोड़ देगा। इसके बाद भारत से आगे चीन और अमेरिका ही रह जाएंगे।

भारत बनने जा रहा दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा के मुताबिक, साल 2025-26 तक भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। वहीं साल 2027 तक, भारत जापान (लगभग 5 ट्रिलियन डॉलर जीडीपी) को भी पीछे छोड़ देगा और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। पात्रा के मुताबिक, भारत – पहले से ही यूके से आगे दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (लगभग 3.2 ट्रिलियन डॉलर जीडीपी) है। अभी आने वाले समय में भारत की आबादी दुनिया में सबसे बड़ी हो जाएगी। भारत में कम उम्र के युवाओं की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है।

मंदी की चपेट में आएंगे ये देश
डिप्टी गवर्नर का बयान आईएमएफ के पूर्वानुमान के कुछ हफ्ते बाद आया है कि जर्मनी और इटली अगले साल मंदी की चपेट में आ जाएंगे। IMF वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक के मुताबिक, साल 2023 में जर्मन अर्थव्यवस्था के 0.3% सिकुड़ने की उम्मीद है। बहुपक्षीय संस्था ने भारत की जीडीपी 6.9% की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया है, जिसमें तंग मौद्रिक स्थिति वित्त वर्ष 24 में 6.1% की वृद्धि को धीमा कर रही है। इस बदलाव में बैंकों की अहम भूमिका होगी। पात्रा के मुताबिक, बैंकिंग नेटवर्क की पहुंच और प्रसार ने अर्थव्यवस्था में वित्तीय संसाधनों को जुटाने में सुधार किया है।

बैंकिंग प्रणाली का आकार बढ़ा
मौजूदा समय में परिवारों की कुल बैंक जमा राशि का 63% हिस्सा है। बैंकिंग प्रणाली का आकार बढ़ा है, कुल ऋणों में छोटे ऋणों (10 करोड़ रुपये तक) की हिस्सेदारी 2022 में बढ़कर 60% हो गई है, जो 2014 में 45% थी।