भारत का फॉरेक्स रिजर्व गिरकर 523 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान.
नई दिल्ली. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेक्स रिजर्व) दिसंबर तक 2 साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच सकता है. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. दरअसल, डॉलर के सामने रुपये की दिन-प्रतिदिन गिरती साख को बचाने के लिए आरबीआई लगातार हस्तक्षेप करते हुए डॉलर बेच रहा है.
1 साल पहले आरबीआई के पास 642 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार था जो अब 100 अरब डॉलर घटकर 545 अरब डॉलर रह गया है. रॉयटर्स के पोल के मुताबिक, ये दिसंबर में गिरकर 523 अरब डॉलर तक आ सकता है. पोल में हिस्सा लेने वालों का मानना है कि रिजर्व 500-540 अरब डॉलर के बीच रह सकता है. यह पोल 26-27 सितंबर को कराया गया था और इसमें 16 अर्थशास्त्रियों ने भाग लिया था.
2008 की यादें हुई ताजा
इन अनुमानों ने 2008 की मंदी की यादों को ताजा कर दिया है. उस समय भी फॉरेक्स रिजर्व में करीब 20 फीसदी की गिरावट देखी गई थी. हालिया अनुमानों से भी लग रहा है फॉरेक्स रिजर्व एक बार फिर 20 फीसदी के आसपास नीचे चला जाएगा. वैसे भी भारत 2012 के टेपर-टेन्ट्रम पीरियड के मुकाबले अधिक तेजी से अपना विदेशी मुद्रा भंडार खर्च कर रहा है.
आरबीआई के हस्तक्षेप का असर नहीं
केंद्रीय बैंक द्वारा रुपये की साख बचाने के लिए डॉलर को बेचने के बावजूद भारतीय करेंसी में कोई बहुत मजबूती नहीं दिख रही है. बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपया अपने रिकॉर्ड लो 81.95 तक पहुंच गया था. आज यह 40 पैसा गिरकर 81.93 के स्तर पर बंद हुआ है. पिछले 1 साल में डॉलर के सामने रुपया 10 फीसदी लुढ़का है.
क्या कहते हैं जानकार?
एचडीएफसी की प्रिंसिपल इकोनॉमिस्ट साक्षी गुप्ता कहती हैं कि रुपये की मौजूदा हालत को देखकर लगता है कि आरबीआई आगे भी हस्तक्षेप जारी रखेगा. उन्होंने कहा कि रुपये को बचाने और चालू खाता घाटे को पाटने के लिए आरबीआई की ओर हस्तक्षेप किए जाने के कारण आगे और फॉरेक्स रिजर्व में और गिरावट आएगी. हालांकि, आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने फॉरेक्स रिजर्न की कमी संबंधी खबरों को खारिज कर दिया है. उन्होंने मंगलवार को कहा कि चिंता की बात नहीं है भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है.