India Women vs Australia Women 2nd T20I: भारतीय महिला टीम ने 5 बार की वर्ल्ड चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को सुपर ओवर में हरा दिया। इस जीत के साथ ही महिला टीम ने पुरुष किकेट के उदाहरण पेश किया है। रोहित शर्मा की टीम को उनसे काफी कुछ सीखने की जरूरत है।
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नई दिल्ली: भारत-पाकिस्तान टी-20 वर्ल्ड कप मुकाबले के बाद पुरुष क्रिकेट टीम के मैचों में वो रोमांच नहीं दिखा, जिसके लिए रोहित सेना जानी जाती है। टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड में वनडे भी टेस्ट के अंदाज में खेला तो बांग्लादेश के खिलाफ भी बहुत कुछ नहीं बदला। लेकिन रविवार की रात रोंगटे खड़े करने वाली रही। भारतीय टीम ने महिला क्रिकेट की पावर हाउस कहे जाने वाली 5 बार की वर्ल्ड चैंपियन ऑस्ट्रेलियाई टीम के परखच्चे उड़ा डाले। मैच का रिजल्ट सुपरओवर में निकला और यहां हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली टीम ने मैदान मारा। स्मृति मंधाना प्लेयर ऑफ द मैच रहीं, लेकिन असल में मैच की कई हीरो रहीं।
ऑस्ट्रेलिया ने खड़ा किया रनों का पहाड़, लेकिन हमारी बेटियों ने भी किया कमाल
ऑस्ट्रेलिया ने जब 20 ओवरों में एक विकेट पर 187 रन बनाए तो डॉ. डीवाई पाटिल स्टेडियम में मौजूद 47 हजार दर्शकों के होश उड़ गए थे। शायद ही किसी को हरमन की टीम पर भरोसा रहा होगा, लेकिन स्मृति मंधाना (79) की अगुवाई में टीम ने कमाल का प्रदर्शन किया। विकेट गिरते रहे, लेकिन रनों का बौछार कम नहीं हुई। अहम मौके पर स्मृति के आउट होने के बाद ऋचा घोष और देविका वैद्य की तूफानी बल्लेबाजी से भारत ने आखिरी 4 ओवरों में 45 रन बनाए, जबकि अंतिम ओवर में 13 रन बनाते हुए मैच टाइ कराया।
ऋचा ने किया जीत उद्घोष
यही नहीं, टीम के हौसले की दाद देनी होगी। सुपर ओवर की पहली गेंद पर ऋचा घोष ने छक्का उड़ाया तो स्मृति मंधाना ने चौका और छक्का उड़ाकर टीम को 20 रनों पर पहुंचा दिया। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने कोशिश बहुत की, लेकिन वह रेणुका सिंह के ओवर में 16 रन ही बना सकी। इस तरह महिला टीम ने यह मुकाबला जीतते हुए बताया कि वह किसी से कम नहीं हैं, बल्कि पुरुष क्रिकेट टीम के लिए भी उदाहरण पेश किया। आइए समझते हैं पुरुष टीमों को किन 3 बातों को सीखने की जरूरत है…
हौसला नहीं हारना है, हर हाल में जीत का जज्बा दिखाना होगा
भारतीय टीम के सामने लक्ष्य बड़ा था, लेकिन उसने हौसला नहीं हारा। स्मृति मंधाना और युवा शेफाली वर्मा (34 रन, 23 गेंद) ने पहले विकेट के लिए 8.4 ओवरों में 76 रन ठोके तो दूसरा विकेट जल्दी गिर गया। लेकिन मैदान पर जो भी बल्लेबाज आई वह जीत के लिए खेलती दिखी। ऋचा घोष ने 13 गेंदों में नाबाद 26 रन ठोककर पूरा पासा ही पलट दिया तो 7वें नंबर पर बैटिंग करने उतरी देविका वैद्य ने गजब की फाइटिंग स्पिरिट दिखाई और 5 गेंदों में नाबाद 11 रन ठोके। रोहित शर्मा की टीम में यही बात लंबे समय से गायब है।
फाइट बैक इसे ही तो कहते हैं
188 रनों का लक्ष्य कम नहीं होता है, लेकिन अगर लड़ा जाए तो ऐसा भी नहीं है कि इसे पाया नहीं जा सकता है। ऑस्ट्रेलियाई टीम की जबरदस्त गेंदबाजी के आगे फाइट बैक करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन टास्क माना जाता है, लेकिन महिला टीम ने कर दिखाया। 76 पर पहला और 81 रन पर दूसरा विकेट गिरा तो लगा यहां से टीम मुश्किल में पड़ जाएगी, लेकिन हरमनप्रीत कौर (22) और ऋचा घोष के साथ मिलकर स्मृति मंधाना ने टीम की वापसी कराई।
टीम कॉम्बिनेशन और रणनीति जरूरी
जब ऑस्ट्रेलिया ने रनों का पहाड़ खड़ा किया तो ड्रेसिंग रूम में पहुंचने के बाद महिला भारतीय टीम ने नए सिरे से रणनीति तैयार की होगी। वे जानती थीं कि उन्हें अगर जीतना तो सबसे पहले तो उनके पास सही रणनीति के साथ टीम कॉम्बिनेशन होना चाहिए। यही किया भी। टीम के जब विकेट गिरे तो रन गति थोड़ी धीमी हुई, लेकिन 16वें ओवर के बाद फिर तूफानी बैटिंग शुरू हो गई। खासकर ऋचा घोष की तारीफ करनी होगी। उन्होंने जो भी शॉट खेले वह विश्वास से भरे थे। उन्होंने विकेट नहीं गंवाए। ये बात फिलहाल टीम इंडिया में नहीं दिखती है।