आधुनिकता के इस दौर में कृषि एवं बागवानी के सभी कार्य आधुनिक यंत्रों पर निर्भर हैं। ऐसे में पेट्रोल, डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी से हरे वर्ग परेशान है। लाहौल-स्पीति जिले में पेट्रोल के दाम शतक से ऊपर ही चल रहा है। विगत वर्ष तक मनाली से लेह-लद्दाख तक आवाजाही करने वाले वाहन चालकों को एकमात्र छुरपक पेट्रोल पंप से ही पेट्रोल-डीजल डलवाना पड़ता था।
भारत-तिब्बत सीमा पर दुनिया में सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित काजा पेट्रोल पंप पर पेट्रोल 104.54 और डीजल 88.28 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। यहां दो दिन में पेट्रोल 1.8 रुपये और डीजल 95 पैसे महंगा हुआ है। समुद्र तल से 3250 मीटर ऊंचे मनाली-लेह मार्ग पर स्थित लाहौल के छुरपक पंप पर पेट्रोल की कीमत 102.56 और डीजल 86.51 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया है। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि से जहां वाहन चालक परेशान हैं, वहीं इसका असर किसानों-बागवानों पर भी पड़ रहा है।
आधुनिकता के इस दौर में कृषि एवं बागवानी के सभी कार्य आधुनिक यंत्रों पर निर्भर हैं। ऐसे में पेट्रोल, डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी से हरे वर्ग परेशान है। लाहौल-स्पीति जिले में पेट्रोल के दाम शतक से ऊपर ही चल रहा है। विगत वर्ष तक मनाली से लेह-लद्दाख तक आवाजाही करने वाले वाहन चालकों को एकमात्र छुरपक पेट्रोल पंप से ही पेट्रोल-डीजल डलवाना पड़ता था। सर्दी के सीजन से पहले केलांग में भी एक पेट्रोल पंप खुल गया है।