सोलन में अब पुराने ज़माने के दर्शन हो पाएंगे | यह दर्शन बायोस्कोप के माध्यम से हो पाएंगे | मजे की बात यह है कि इसके लिए आप को पैसे भी खर्चने नहीं पड़ेंगे | लेकिन 1950 में इस बायोस्कोप के लिए लम्बी कतारें लगा करती थी | देश में ट्रांसपोर्ट के साधन बेहद कम होते थे तब लोग देश के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों का दौरा नहीं कर पाती थे तो उन्हें बायोस्कोप के माध्यम से ही उन स्थलों के दर्शन होते थे | आज की पीड़ी बायोस्कोप से इतना परिचित नहीं होगी , इसी लिए कई दशकों पुरानी मनोरंजन के लिए उपयोग होने वाले बायो स्कोप को सोलन के निजी होटल व्यवसायी ने पर्यटन को बढ़ावा देने के उदेश्य से होटल में यह बायोस्कोप स्थापित किया है |
होटल व्यवसायी सुरेंद्र वर्मा ने बताया कि 1950 की मेला फिल्म में दिखने वाला बायोस्कोप पर्यटकों के ज्ञान वर्धन के लिए होटल में स्थापित किया गया है | इस बायोस्कोप के माध्यम से भारत वर्ष के विभिन्न पर्यटक स्थलों को दिखाया जा रहा है पुराने समय में जब ऍफ़ एम् या रेडियो नहीं होते थे तब ग्रामोफोन कैसा होता था | देस्ग के नागरिक कैसे गाने सुना करते थे वह भी यहाँ देख सकते है | उन्होंने बताया कि पुरानी पीड़ी की याद ताज़ा करने और नई पीड़ी को बायोस्कोप और टेलेस्कोप की जानकारी देने के उदेश्य से इस यहाँ स्थापित किया गया है | उन्होंने कहा कि होटल में आने वाले लोग इसे देख कर बेहद अच्चभित होते है और बेहद खुश होते है |