प्लास्टिक रैपर से पर्यावरण को नुक्सान न हो इसके लिए अभिलाषी यूनिवर्सिटी चैलचौक के एनएसएस से जुड़े छात्रों ने प्लास्टिक रैपर से बैठने के आसन बनाने का एक बेहद ही सुंदर समाधान निकाला है। इन दिनो अभिलाषी यूनिवर्सिटी में एनएसएस इकाई का सात दिवसीय एनएसएस शिविर चल रहा है। शिविर के दौरान यूनिवर्सिटी परिसर और आसपास के क्षेत्र को साफ सुथरा रखने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
इस दौरान एनएसएस के स्वयंसेवकों ने प्लास्टिक के उपयोग का यह समाधान निकाला है। हर जगह आमतौर पर लोग खाने की और दूसरे उपयोग की वस्तुओं का प्लास्टिक का रैपर हर कहीं फैंक देते है। इससे गंदगी और स्वच्छ वातावरण को नुकसान पहुंचता है। प्लास्टिक के रैपर को नष्ट करना भी कुछ कठिन होता है। वहीं इन रैपर को इकट्ठा करके जलाएं तो भी पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है।
एनएसएस के छात्रों ने इस समस्या का बेहद ही सुंदर समाधान निकाला है। यह छात्र अब इस रैपर को इकट्ठा करके इससे बैठने के आसन बना रहे हैं। गांवों में आज भी जमीन पर आसन लगाकर बैठने और खाने की परंपरा है। यूनिवर्सिटी के एनएसएस कार्यक्रम के कार्यकारी अधिकारी डॉ. अभिषेक सोनी ने बताया कि क्षेत्र से प्लास्टिक के रैपर इकट्ठा करके अन्य उपयोग का सामान भी बनाया जाऐगा। इस कार्य के लिए यूनिवर्सिटी के प्रो. चांसलर डॉ. ललित अभिलाषी तथा वाइस चांसलर प्रो. एचएस बनयाल ने छात्रों को बधाई दी।