हर साल की तरह इस साल भी लोगों ने गर्मी का खूब प्रकोप सहा है. इस चिलचिलाती गर्मी से बचने के लिए लोग तरह तरह के उपाय खोजते हैं. गर्मी में ठंडे पेय से लेकर एसी कूलर तक की हवा, दवा का काम करती है. गर्मी से छुटकारा पाने के लिए लोग कई तरह के जुगाड़ भी लगाते हैं. ऐसा ही एक जुगाड़ अभी सोशल मीडिया पर छाया हुआ है.
सिर पर लगा लिया पंखा
Aajtak
जी हां, गर्मी से बचने के लिए बनाए गए एक अनोखे जुगाड़ को लेकर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के रहने वाले 77 वर्षीय लल्लूराम इन दिनों सुर्खियों में हैं. लल्लूराम का दिमागी जुगाड़ इस समय सोशल मीडिया पर यूजर्स को खूब आकर्षित कर रहा है. दरअसल, लल्लूराम ने गर्मी से बचने के लिए अपने सिर पर एक पंखा लगा लिया है. ये पंखा सोलर पैनल के जरिए चलता है, जिसके चलते उन्होंने सिर पर पंखे के साथ सोलर पैनल भी लगा रखा है.
बीमारी की वजह से बंद हो गया था काम
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दुकानों पर जा कर नींबू और फूल माला बेचने वाले लल्लूराम को पिछले दिनों ज्यादा गर्मी की वजह से लू लग गई थी. जिसके बाद उन्होंने इस गर्मी से बचने के लिए ये जुगाड़ तैयार किया है. तबीयत खराब होने की वजह से उनका घर से निकलना बंद हो गया था. इस कारण उनका दुकान-दुकान जा कर नींबू और फूल माला बेचने का काम भी ठप्प पड़ गया था. घर में आय का कोई अन्य स्रोत न होने के कारण उनके बीमार पड़ते ही परिवार को दयनीय स्थिति का सामना करना पड़ा. जैसे तैसे लल्लूराम ठीक हुए. आगे वे फिर से बीमार न पड़ जाएं इस वजह से उन्होंने गर्मी से बचने के लिए ये जुगाड़ बना डाला.
शायद लल्लूराम को भी न पता रहा हो कि गर्मी से बचाने वाला उनका ये जुगाड़ उन्हें लोगों के बीच चर्चित कर देगा. अब तो हाल ये है कि सिर पर पंखा लगाए लल्लूराम जब शहर की सड़कों पर निकलते हैं तो लोग उनके साथ सेल्फी लेने लगते हैं. इस जुगाड़ के संबंध में बात करते हुए लल्लूराम ने मीडिया से कहा कि, ‘वह बहुत छोटा धंधा करते हैं, नींबू माला बेचते हैं.’
उधार लेकर बनाया जुगाड़
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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, ‘इसी धंधे से वह बच्चों का पेट पालते हैं. वह बीच में बीमार पड़ गए थे. ऐसे में उन्होंने ये जुगाड़ उधार लेकर बनाया है. इसमें पीछे सोलर प्लेट और आगे पंखा है. जब वह धूप में चलते हैं तो इससे बहुत राहत मिलती है.’ लल्लूराम कहते हैं कि, ‘चेहरे पर सीधे हवा आती है तो गर्मी से राहत मिलती है. लल्लूराम का कहना है कि बच्चों के लिए उन्हें सड़क पर भटकना पड़ता है. इतनी मेहनत के बाद जा कर वह शाम तक बच्चों का पेट पालने योग्य धन कमा पाते हैं.
वह इस जुगाड़ को भगवान की मर्जी बताते हैं. वह कहते हैं कि इसमें उन्होंने कुछ नहीं किया. भगवान ने दिमाग दिया और उन्होंने ये बना दिया. लल्लूराम की पत्नी गीता देवी का कहना है कि उनके पति ने सोलर पंखा बनाया है, इनकी तबीयत खराब हो गई थी. इनको धूप बर्दाश्त नहीं होती है. ऐसे में उन्होंने ये जुगाड़ बना लिया जिससे गर्मी से राहत मिलती रहे.