Inspirational Success Stories: टैक्सी चालक, गार्ड-मज़दूर के बच्चे जिन्होंने बड़े-बड़े Exam टॉप कर अपने मां-बाप की मेहनत सफ़ल कर दी

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राष्ट्रकवि दिनकर के शब्दों में, 

है कौन विघ्न ऐसा जग में,
टिक सके वीर नर के मग में
खम ठोंक ठेलता है जब नर,
पर्वत के जाते पाँव उखड़
मानव जब जोर लगाता है,
पत्थर पानी बन जाता है

इंसान अगर ठान ले दो मुश्किल से मुश्किल हालात को भी उसके बुलंद इरादों के आगे घुटने टेकने पड़ते हैं. मेहनत, लगन और धैर्य का साथ हो तो हर इंसान अपने लक्ष्य तक पहुंच सकता है.

हमारे आस-पास सफ़लता की ऐसी असंख्य कहानियां हैं जो हमें आगे बढ़ने का हौसला देती हैं, पेश है ऐसी ही कुछ कहानियां-

1. पिता टैक्सी चलाते हैं, सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते हैं बेटों ने पास किए CA FInal

पाली राजस्थान के ललित सोलंकी और राकेश सोलंकी ने अपने पिता का नाम रौशन कर दिया. हिन्दी मीडियम से पढ़े इन दोनों भाइयों को उनके पिता ने बहुत संघर्ष करके पढ़ाया. उनके पिता दिन में टैक्सी चलाते और रात में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते. बेटों ने भी पिता को निराश नहीं किया.

CA Final 2021File

2. ग़रीब किसान के बेटे को मिला 67 लाख का पैकेज

सोनीपत, मुरथल के एक किसान के बेटे को Amazon में 67 लाख का पैकेज मिला. अवनीश छिक्कारा ने B.Tech (Electronics) किया और उसके पिता किसान हैं. खेती-बाड़ी से घर अच्छे से नहीं चल रहा था इसलिए अवनीश के पिता ने ड्राइवर का काम भी शुरू किया और बेटे को पढ़ाया. बेटे ने भी मेहनत की और पिता को गर्व महसूस करवाया.

farmer son amazon 67 lakh LinkedIn

3. मां-बाप राजमिस्त्री, बेटे ने IIT निकाला

अहमदाबाद, गुजरात के सुकराम बाबेरिया के माता-पिता कन्सट्रकशन्स साइट्स पर काम करते थे. सुकराम के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए उसके माता-पिता ने तमाम समस्याएं झेली. सुकराम ने भी IIT खड़गपुर में सीट पक्का कर माता-पिता के मेहनत को सफल कर दिया.

Sukram Baberiya The Times of India

4. ऑटोरिक्शा चालक का बेटा बना वायुसेना में अफ़सर

विशाखापटनम के सूरीबाबू पिछले 25 सालों से ऑटोरिक्शा चलाते हैं. ऑटो चलाकर ही उन्होंने अपने बेटे और बेटी को पढ़ाया. सूरीबाबू के बेटे गोपीनाथ का भारतीय वायुसेना में सेलेक्शन हो गया. 2021 में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से एयर फ़ोर्स अफ़सर बनने वाला इकलौता कैंडिडेट है गोपीनाथ.

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5. सिक्योरिटी गार्ड बना IIM रांची में प्रोफ़ेसर

केरल के 28 वर्षीय रणजीत रामचंद्रन अपना घर चलाने के लिए बीएसएनएल के दफ़्तर में 4000 मासिक आय पर सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते थे. मिट्टी के घर में रहकर पढ़ने वाले रणजीत के पिता दर्ज़ी हैं और मां मनरेगा मज़दूर. रणजीत ने मेहनत का साथ नहीं छोड़ा और IIT-मद्रास से इकोनॉमिक्स में पीएचडी की. रणजीत को मेहनत का फल IIM में सेलेक्शन के रूप में मिला.

Ranjit Ramchandran IIM RanchiIndian Express

6. इलायची के खेत में काम करने वाली मज़दूर ने पास किया केरल PSC

28 वर्षीय सेल्वाकुमारी ने पहले ही अटेम्प्ट में केरल PSC की परीक्षा पास कर ली. सेल्वाकुमारी की मां इलायची के खेतों में काम करती थी और मां की मदद करने के लिए सेल्वाकुमारी भी इलायची के खेतों में काम करने लगी.

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7. मज़दूरी करते हैं पिता, बेटी CBSE की 12वीं की परीक्षा में 100% ले आई

ज़िला महोबा, उत्तर प्रदेश (District Mahoba, Uttar Pradeh) के बदेरा गांव की अनुसूया ने 12वीं में 100 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं. अनुसूया के पिता मज़दूर हैं और उसकी मां होममेकर. अनुसूया के माता-पिता और बहन कभी स्कूल नहीं गए और उसके भाई 8वीं तक ही पढ़े हैं.

Anusuya Uttar Pradesh CBSE 12th 100%Live Hindustan

ये कहना ग़लत नहीं होगा कि हम सभी में एक अर्जुन छिपा है, ज़रूरत है तो बस अर्जुन जैसी आंखें विकसित करने की, जिन आंखों से सिर्फ़ चिड़िया की आंख यानि अपना लक्ष्य दिखाई दे.