Post Office की बीमा पॉलिसी है बड़े काम की, केवल 299 रुपये में मिलता है 10 लाख का बीमा कवर

नई दिल्‍ली. बीमा आज हर व्‍यक्ति के बहुत अहम हो गया है. जीवन में दुर्घटना कभी भी हो सकती है. इसलिए हर किसी के पास एक ऐसी बीमा पॉलिसी का होना जरूरी है जो किसी दुर्घटना पर इलाज का खर्च भी दे और मृत्‍यु या अपंगता होने पर क्‍लेम भी दे. आज भी भारत में बहुत-से लोग बीमा नहीं कराते. इसका एक कारण बीमा प्रीमियम का महंगा होना है. इसी को ध्‍यान में रखते हुए भारतीय डाक विभाग एक सामूहिक दुर्घटना सुरक्षा बीमा पॉलिसी लेकर आया है.

इस पॉलिसी में महज 299 और 399 रुपये प्रीमियम भरकर एक व्‍यक्ति 10 लाख रुपये का बीमा कवर प्राप्‍त कर सकता है. इसे बीमा पॉलिसी को हर साल रिन्‍यू कराना जरूरी है और इसके लिए इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक में खाता होना भी जरूरी है. इंश्‍योरेंस पॉलिसी में पॉलिसीधारक के दुर्घटना में घायल होने पर आईपीडी के खर्च के लिए 60 हजार और ओपीडी के लिए 30 हजार दिए जाते हैं.

ये हैं फायदे
भारतीय डाक विभाग ने यह एक्सिडेंटल इंश्‍योरेंस पॉलिसी टाटा एआईजी के साथ मिलकर लाया है. इसमें दो प्‍लान है. एक में आपको सालाना 299 रुपये का प्रीमियम देना होता और दूसरे प्‍लान में 399 रुपये भरने होते हैं. अगर कोई व्‍यक्ति 299 रुपये का प्‍लान चुनता है तो उसे 10 लाख रुपये का बीमा कवर मिलता है. अगर बीमाधारक किसी दुर्घटना का शिकार हो जाता है तो इस पॉलिसी में उसे अस्पताल में भर्ती होने पर खर्च मिलता है. अस्‍पताल में इलाज के दौरान 60,000 रुपये तक का आई.पी.डी खर्च और 30,000 रुपये तक का ओ.पी.डी क्‍लेम दिया जाता है.

मृत्‍यु पर आश्रितों को 10 लाख रुपये
दुर्घटना में मृत्यु होने पर 10 लाख रुपये आश्रितों को मुआवजे के तौर पर दिए जाते हैं. यही नहीं, अगर बीमाधारक पूर्ण रूप से अपंग हो जाता है तो उसे 10 लाख रुपये दिए जाते हैं. 10 लाख रुपये का क्‍लेम ही आंशिक रूप से अपंग होने पर दिया जाता है. बीमाधारक की मृत्‍यु होने पर अंतिम संस्कार के लिए आश्रितों को 5,000 रुपये मिलते हैं. बीमाधारक के अगर आश्रित दूसरे शहर में रहते हैं तो वहां से आने-जाने का खर्च भी इस पॉलिसी में कवर होता था. वहीं, 399 रुपये के प्‍लान में उपरोक्‍त सभी क्‍लेम तो मिलते हैं साथ ही आश्रित के 2 बच्‍चों को पढ़ाई के लिए 1 लाख का खर्च दिया जाता है.