Interview: अमरीश पुरी के पोते वर्धन पुरी ने कहा- दुनिया के सबसे बड़े विलन मेरे दादू, मुझे काफी नसीहत दी

वर्धन पुरी मानते हैं कि उनके दादू अमरीश पुरी दुनिया के बेस्ट विलन हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें भी नेगेटिव रोल में काफी दिलचस्पी है। वर्धन ने बताया कि दादू ने उन्हें एक्टिंग को लेकर काफी नसीहत दी है। उन्होंने उन दिनों को याद किया जब वह दादी और दादू के बीच सोया करते थे।

Amrish Puri grandson Vardhan puri interview
अमरीश पुरी के पोते वर्धन पुरी

अमरीश पुरी के पोते वर्धन पुरी अपने दादा के नक्शेकदम पर ऐक्टिंग की दुनिया में आगे बढ़ना चाहते हैं। वह विलन की फेहरिस्त में टॉप पर शुमार अमरीश पुरी की तरह नेगेटिव किरदार निभाकर संतुष्टि महसूस करते हैं। ऐक्टर की झोली में कई बड़े प्रोजेक्ट्स हैं। नवभारत टाइम्स के रिपोर्टर यश दीक्षित से हुई बातचीत में ऐक्टर ने क्या-क्या कहा, जानें।

दादाजी हमेशा मेरे साथ रहेंगे
दादाजी (अमरीश पुरी) के साथ बिताए पल बहुत याद आते हैं। मैं उनके और दादी के बीच में सोया करता था। उनके साथ फिल्में देखा करता था। हम साथ में ही खाना खाते थे। मैं उनके साथ शूट पर भी जाया करता था और उनकी वैनिटी में ही बैठता था। उन्हें रिहर्सल करते हुए देखता था। पहले मैं उन्हें याद करते हुए बड़ा भावुक हो जाता था कि वह हमारे साथ नहीं हैं। हालांकि, जब से मैं थोड़ा समझदार हुआ हूं तो ये समझ आ गया है कि बेशक वह अब हमारे साथ नहीं हैं लेकिन मेरे जेहन में वह हमेशा रहेंगे। मुझे यही लगता है कि मैं उन्हें देख नहीं पा रहा हूं लेकिन वह मेरे आसपास ही हैं।

ऐक्टिंग को लेकर दी थीं खास टिप्स

ऐक्टिंग को लेकर दादाजी ने मुझे काफी नसीहत दी हैं। रिहर्सल के दौरान वह मेरे साथ ही रहते थे। वह मेरे लिए गुरु की तरह हैं। वह मुझे अभिनय को लेकर लगातार कुछ न कुछ सिखाया करते थे। दादाजी मुझे ज्यादा रिहर्सल करने की सलाह देते थे। साथ ही आवाज, हाव-भाव और हरफनमौला कलाकार बनने के लिए जो चीजें जरूरी हैं, मुझे उनसे सीखने को मिलीं। ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे उनके सानिध्य में अभिनय की बारीकियां सीखने को मिलीं।

कई प्रोजेक्ट हैं कतार में

आने वाले समय में पाइपलाइन में कई प्रोजेक्ट हैं। इसमें जियो स्टूडियोज के साथ दो फिल्में हैं। एक कुणाल कोहली साहब का प्रोजेक्ट है। एक पॉलिटिकल थ्रिलर फिल्म है। एक विवेक अग्निहोत्री की फिल्म है। एक अंतरराष्ट्रीय सीरीज और एक फिल्म भी मेरे हिस्से में है। इसके अलावा, कुछ म्यूजिक विडियोज हैं। मैं इन सबके लिए काफी उत्साहित हूं। उम्मीद है ये साल बीते साल से भी ज्यादा खुशियां लेकर आएगा।

देश की हर भाषा में काम करना है

मैं एक फनकार हूं और मेरे लिए पॉजिटिव, नेगेटिव, सपोर्टिंग, गेस्ट अपीयरेंस हर तरह के किरदार महत्वपूर्ण हैं। हालांकि, अभी तक मैंने पॉजिटिव किरदार ही निभाए हैं। बाकी मैं आगे नेगेटिव रोल में भी दिखूंगा और देश की हर भाषा में काम करना चाहूंगा। मैं खूब काम करना चाहता हूं और सबको अपनी परफॉर्मेंस से खुश करना चाहता हूं। मैं अपने दादू को दुनिया का सबसे बड़ा विलन मानता हूं। मेरे हिसाब से एक विलन भी अपनी दुनिया का हीरो है। उन्होंने हर तरह के किरदार किए और लोगों के दिल जीते।

नेगेटिव रोल करने में एक अलग तरह की संतुष्टि मिलती है

अपनी पहली फिल्म में मैंने एक पॉजिटिव और एक नेगेटिव किरदार निभाया था, जो कि बेहतरीन अनुभव था। मुझे भी नेगेटिव रोल में काफी दिलचस्पी है। इस तरह के रोल करके मुझे एक अलग संतुष्टि मिलती है। इस तरह के किरदार से जो सोसाइटी में रहकर हम चीजें नहीं दिखा सकते, वो अपने किरदार के माध्यम से पर्दे पर ला सकते हैं। मैं इसके लिए काफी उत्साहित हूं और पूरी मेहनत और ईमानदारी से अपने काम में ध्यान लगाना चाहता हूं।

लखनऊ में रहने के लिए घर बनाना चाहता हूं

लखनऊ से मेरा बहुत खास रिश्ता है। कुछ समय पहले मैंने यहां ‘दशमी’ फिल्म की शूटिंग पूरी की है। पहली बार मैं शहर इशकजादे के समय आया था, तब मैं इंडस्ट्री में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर काम किया करता था। उस दौरान लखनऊ और आसपास की जगहों पर मेरा काफी वक्त गुजरा था। ‘दावत -ए -इश्क’ के सीन भी हमने लखनऊ में फिल्माए तो इस जगह को और यहां के खानपान को बहुत अच्छे से जान गया हूं। लोग बहुत प्यारे हैं। मुंबई के अलावा मैं लखनऊ में रहने के लिए घर बनाना चाहता हूं।