Interview: अक्षय कुमार की वजह से रकुल प्रीत सिंह बनी थीं ‘कटपुतली’ का हिस्सा, इसीलिए घर से भाग गई थीं एक्ट्रेस

जंगली पिक्चर्स की ‘डॉक्टर जी’ को लेकर रकुल प्रीत सिंह इन दिनों चर्चा में हैं। इस बीच नवभारत टाइम्स को एक्ट्रेस संग बातचीत का मौका मिला जहां एक्ट्रेस ने अपने को-स्टार्स अक्षय कुमार से लेकर अजय देवगन पर रिएक्ट किया तो अपने बचपन के किस्सों को भी शेयर किया। पढ़िए रकुल प्रीत सिंह का इंटरव्यू

रकुल प्रीत सिंह। मशहूर फिल्म एक्ट्रेस। ग्लैमर इंडस्ट्री का मशहूर चेहरा। गॉर्जियस पर्सनालिटी और चांद सा रोशन चेहरा। अमिताभ बच्चन, अजय देवगन से लेकर अक्षय कुमार के साथ काम कर चुकीं रकुल प्रीत जंगली पिक्चर्स की ‘डॉक्टर जी’ को लेकर चर्चा में हैं। ‘डॉक्टर जी’ में रकुल ‘डॉक्टर फातिमा सिद्दिकी’ के रोल को निभा रही हैं जो न सिर्फ तेज तर्रार बल्कि काफी ग्लैमरस भी हैं। नवभारत टाइम्स के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में एक्ट्रेस ने अपने बचपन के किस्से से लेकर एक्टिंग करियर और को-स्टार्स तक, सब पर खुलकर बात की है। आइए जानते हैं कि उन्होंने क्या बताया।

स्क्रीन पर कभी साइंटिस्ट तो कभी टीचर, कभी पायल तो कभी डॉक्टर… आखिर इन अलग अलग किरदारों के पीछे आपका फंडा क्या है?
मेरा (Rakul Preet Singh) मानना है कि इसके पीछे थोड़ा सा इंटेंशन और लक होता है। मैं कोशिश करती हूं कि मैं खुद को वर्सेटाइल एक्टर बना पाऊं ताकि अलग-अलग किरदार को निभा सकूं। ये सब कोशिश किस्मत के साथ ही पूरी होती है। लक ही तो है कि मेरे पास ऐसी फिल्में आईं कि मैंने ऐसे अलग-अलग रोल्स निभाए। यही वजह है कि मैं सौभाग्य को बहुत मानती हूं।


किसी प्रोजेक्ट को हां कहने से पहले आप उसमें क्या देखती हैं?

कभी आपको कोई स्क्रिप्ट अच्छी लग जाती है तो कभी कोई किरदार। कभी आपको किसी खास डायरेक्टर के साथ काम करना होता है तो आप स्क्रिप्ट को हां कह देते हो। कुल मिला कर जब आपकी गड फीलिंग कहती है तो आप उस प्रोजेक्ट के लिए हां कह देते हैं।

ऐसा कोई एक्टर जब उनका नाम सुनते ही आपने फिल्म के लिए हां कह दिया हो?

कई बार ऐसा हुआ है कि मैंने को-एक्टर का नाम सुना हो और मैंने स्क्रिप्ट के लिए हां कह दिया। जैसे कटपुतली, इसमें मैंने जैसे ही अक्षय कुमार का नाम सुना तो मैंने तुरंत प्रोजेक्ट के लिए हां कह दिया। क्योंकि अक्षय कुमार जैसे कलाकार के साथ काम करना हर किसी का सपना होता है।


‘डॉक्टर जी’ में आप स्मार्ट, बोल्ड और परफेक्ट लेडी के तौर पर नजर आ रही हैं। ऐसे कैरेक्टर्स पर आपकी क्या राय है कि ये सिर्फ फिल्मों तक ही सीमित होते हैं या फिर इन किरदारों के हकीकत में भी कुछ मायने हैं?

फिल्में सोसाइटी का रिफ्लेक्शन होती है। रोल काल्पनिक जरूर होते हैं लेकिन हकीकत से जुड़े होते हैं। डॉक्टर फातिमा सिद्दीकी (डॉक्टर जी में रकुल प्रीत का रोल) जैसा किरदार बोल्ड और दमदार लड़की का है। ये सब खूबी मेरे अंदर भी है।

सेट पर पार्टी होने वाली बात कितनी सच है और आयुष्मान कैसे को-स्टार हैं?

आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) बहुत फनी को स्टार हैं। मैंने जितने कलाकारों के साथ काम किया है उनमे से वह सबसे ज्यादा फनी कलाकार हैं। वह मस्ती मजाक के साथ काम करते हैं। बहुत ज्यादा पॉजिटिव हैं। सेट पर जो लोग कहते हैं न कि सेट पर पार्टी होती है तो ऐसा कभी नहीं होता है। सेट पर सिर्फ काम होता है और समय की कमी रहती है। इसीलिए सभी कलाकार जल्दी में रहते हैं और सिर्फ शूटिंग पर ही फोकस होता है। ये बकवास बाते हैं कि सेट पर पार्टी होती है।


आपकी दूसरी फिल्मों से कैसे ‘डॉक्टर जी’ एक डिफरेंट फिल्म है?
‘डॉक्टर जी’ मेरी हालिया फिल्मों से एकदम अलग है। ये एक मेडिकल फिल्म है जिसमें लाफटर के साथ साथ काफी चीजें हैं जो दर्शकों को इंप्रेस करती है। ये एक एंटरटेनिंग मूवी है जिसमें अलग लुक और क्लेवर भी डिफरेंट हैं। मैंने अब तक जो रोल निभाए हैं वो सब एकदम अलग है।

अक्सर लोगों को डॉक्टर शब्द सुनते ही दवाईयों या फिर इंजेक्शन का डर सताने लगता है। आपका डॉक्टरों को लेकर क्या अनुभव है। पर्सनल लाइफ का किस्सा शेयर करें…

मुझे बचपन में इंजेक्शन से बहुत डर लगता था। मैं जब 5 साल की थी तो एक बार मैंने अपने पैरेंट्स को बात करते सुना कि मुझे डॉक्टर इंजेक्शन लगाने वाले हैं। मैं ये सुनकर ही इतना डर गई थी कि मैं घर से भाग गई थी कि मुझे इंजेक्शन नहीं लगवाना। मेरे माता पिता दो तीन घंटे ढूंढते रहे थे। मैं पड़ोसी के घर में छुप गई थी। इतने मेरे पैरेंट्स अपनी सर्च टीम के साथ ढूंढने लगे थे और फिर काफी देर बाद में बाहर निकली थीं। खैर ये बचपन का किस्सा है और अब ऐसा कुछ नहीं है कि डॉक्टर, दवा या इंजेक्शन से डर लगता हो।


अजय देवगन के साथ आप कई फिल्मों में काम कर चुकी हैं। उनके साथ आपकी कैसी जमती है। इसके साथ ही उन को-स्टार के नाम बताएं जो आपको बहुत कूल लगते हैं?
मेरे सारे को-स्टार्स काफी कूल रहे हैं। मेरी सभी के साथ अच्छी जमती है। अजय सर (Ajay Devgn) से काफी कुछ सीखती हूं और प्रेरित होती हूं। वह जबरदस्त एक्टर और डायरेक्टर हैं और उनसे काफी कुछ सीखने को मिलता है। वह भी मेरे साथ काफी काइंड रहते हैं। जब मैं उनके साथ पहली फिल्म ‘दे दे प्यार दे’ कर रही थी तब उन्होंने स्टार की तरह मेरे साथ बिहेव नहीं किया था। वह ऐसा बर्ताव करते हैं कि जिससे साथी कलाकार कंफर्टेबल हो जाते हैं। अजय सर के साथ मेरा रिश्ता ऐसा है कि मैं उनके साथ ज्यादा हंसी मजाक नहीं कर सकती। अजय सर सीनियर एक्टर हैं और मैं उनकी बहुत रिस्पेक्ट करती हूं। जैसे आयुष्मान खुराना के साथ जैसी हंसी मजाक होता है वो उनके साथ नहीं हो सकता। हम एक ऐज ग्रुप के हैं। हर एक्टर के साथ हमारी अलग ट्यूनिंग होती है। मैं खुशनसीब हूं कि मेरी सभी को-स्टार्स के साथ अच्छी पटती है।


बॉलीवुड और साउथ दोनों इंडस्ट्री में आपने काम किया है? करियर के लिए आपको कौन-सी इंडस्ट्री बेहतर लगी?
साउथ या बॉलीवुड नहीं, मैं ‘फिल्मों’ में काम करने में ज्यादा कंफर्टेबल होती हूं। मैं बहुत वर्कोहोलिक हूं। मुझसे 24 घंटे बेशक काम करवा लो। पर भाषा कोई बैरियर नहीं हो सकती है। कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आप बॉलीवुड या साउथ किस इंडस्ट्री में काम करते हो। मुझे दोनों ही इंडस्ट्री से बहुत प्यार मिला है। लैंग्वेज तो नहीं बस स्क्रिप्ट और रोल्स को देखकर मैं फिल्में करती हूं और यही करियर के लिए भी जरूरी होती है।

सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स को कई मौकों पर आपने फटकार लगाई है…? आपको किन बातों पर ग़ुस्सा आता है?
मैं आमतौर पर ट्रोलर्स को जवाब नहीं देती हूं और न ही इसे जरूरी समझती हूं। क्योंकि ऐसे तो आपको रोज ही सुनाना पड़ेगा। पर कभी कभी होता है कि आप इरेटेटिड माइंड स्पेस में हो और किसी ने बहुत ही ज्यादा बेहुदा लिख दिया है। मैंने जब भी कुछ कहा है तो तब बहुत ही बकवास लिखा गया हो। जब ज्यादा डिसटर्बिंग हो जाता है तो मैं जवाब देती हूं। मैं तब तक शांत रहती हूं जब तक मैं या मेरी फैमिली इफेक्ट न हो।