‘बिग बॉस 16’ से बाहर निकल चुकीं सृजिता डे ने एनबीटी को दिए इंटरव्यू में बताया है कि टीना को लेकर वह हद पार कर गईं। उन्होंने कहा कि उन्होंने टीना के लिए जो कुछ कहा उसे लेकर मलाल है क्योंकि उन्हें लगता है कि उनके बारे में बोलते हुए उन्हें अपनी हद पार कर दी।
‘बिग बॉस 16’ का फिनाले जैसे-जैसे करीब आ रहा है, वैसे-वैसे घर में खलबली बढ़ती ही जा रही है। छोटी सी बात पर कभी किसी का पारा चढ़ जाता है तो कभी कोई नेशनल टीवी पर बोलते वक्त सारी हदें पार कर जाता है। इस बार ऑडियंस ने घर से सृजिता डे का पत्ता साफ कर दिया। श्रीजिता डे ने बाकियों की तरह ही फिनाले तक जाने और फिनिश लाइन को छूने की तमन्ना पाली थी लेकिन वाइल्ड कार्ड एंट्री पाने वाली प्रतिभागी दूसरी बार भी अपना सपना सच नहीं कर पाईं। उन्हें टीना दत्ता से हुए विवाद और टीवी पर उनको लेकर की गई बातों का मलाल है लेकिन वह इसके लिए सिर्फ खुद को ही दोषी नहीं मानतीं। वह कहती हैं कि ताली एक हाथ से नहीं बजती। क्योंकि टीना ने भी मेरे बारे में बहुत कुछ बोला था इसलिए मैं भी बोल गई। हालांकि, मैं मानती हूं कि उस दौरान मैंने हद पार कर दी थी। आइए जानते हैं एनबीटी, लखनऊ के रिपोर्टर
18 घंटे सोना चाहती हूं
Bigg Boss 16 के घर से निकलने के बाद बहुत से काम करना चाहती हूं। मैं चाहती हूं कि मुझे कम से कम 18 घंटे सोने के लिए मिले। इस दौरान मेरी नींद में कोई खलल ना डाले। उसके बाद गाड़ी लेकर खुली हवा और धूप में बाहर निकलना चाहती हूं। बहुत वक्त से मुझे धूप और खुली हवा नहीं मिली। अब बाहर निकल आई हूं तो मेरा सबसे पहला काम अपनी पसंदीदा चीजें टेस्ट करना होगा। मैं वो चीजें खाना चाहती हूं, जो मुझे बहुत पसंद हैं जैसे पानी पूरी, बिरयानी। दरअसल, बिग बॉस के घर में हमें पिज्जा-बर्गर, पास्ता वगैरह नहीं मिलता है इसलिए हम वहां ये सब बहुत मिस करते हैं।
आखिरी हफ्ते में थोड़ी कामचोरी की थी
बिग बॉस के घर में हर प्रतिभागी की एक यात्रा है, समय है। शायद, मेरा सफर और समय खत्म हो चुका था इसलिए वोट नहीं मिला। रहा सवाल घर के काम में कम इंट्रेस्ट दिखाने की वजह से बाहर होने का तो यह गलत है। यह कोई ठोस वजह नहीं है। बहुत से लोग काम नहीं करते हैं। मैं बर्तन धोने, खाना बनाने के ये सब काम प्रॉपर तरीके से करती थी। शायद, आखिरी हफ्ते में मैंने थोड़ी कामचोरी की थी क्योंकि उस वक्त मेरे घुटने में चोट थी। मेरे लिए तब झाड़ू लगाने जैसे काम करने मुश्किल भरे हो रहे थे।
प्रियंका चौधरी मुझे सच्ची लगीं
बिग बॉस के घर में प्रियंका चौधरी मुझे सच्ची लगीं। उनके साथ मेरी बॉन्डिंग काफी मजबूत हो गई थी। मैं सच में उन्हें पसंद करती हूं। उनकी सच्चाई यह है कि उन्हें जो गलत लगता है, उसे वह साफ-साफ बोल देती हैं। हम दोनों में बहुत सी बातें एक जैसी हैं। कह सकते हैं कि हमारे सोचने का नजरिया थोड़ा मिलता जुलता है। मुझे भी उनकी तरह जो चीज खराब लगती है, उसे तपाक से बोल देती हूं और जो सही लगता है, उसके साथ आखिरी तक खड़ी रहती हूं। इस वजह से हमारा एक-दूसरे के साथ कनेक्शन बहुत अच्छा बैठ गया था।
कोई प्लानिंग काम नहीं करती है
सच बताऊं तो बिग बॉस के घर में कोई प्लानिंग काम नहीं आती है। आज के हिसाब से आप घर के अंदर कुछ प्लानिंग करोगे, कल को कुछ और ही नजर आएगा। सारी प्लानिंग धरी की धरी रह जाएगी क्योंकि दूसरे प्रतिभागी भी अपना-अपना प्लान बना रहे हैं। इस बार फ्लो के हिसाब से जो कुछ सही लगा, मैंने वो सब किया। पहली बार मैं जल्दी क्यों बाहर कर दी गई, इस बारे में मैं क्या कहूं। वैसे भी किसी कंटेस्टेंट को समझने के लिए 14-15 दिन बहुत कम होते हैं। इतने कम वक्त में आप क्या ही अपना गेम दिखा पाओगे। इस वजह से पहली बार में ऑडियंस को मैं समझ में नहीं आई और उन्होंने मुझे वोट कम दिया। वाइल्ड कार्ड एंट्री से दूसरी बार जब मैं घर में गई तो उन्हें मेरी एनर्जी बेहतर लगी। इसीलिए मुझे उनका सपोर्ट मिला और मैं ज्यादा वक्त तक बिग बॉस के घर में रह पाई।