Interview: ऋ‍तिक और विक्‍की की बाउंसर बनना चाहती हैं तमन्‍ना भाटिया, बॉलीवुड में कमाना चाहती हैं साउथ जैसा नाम

तमन्‍ना भाटिया की फिल्‍म ‘बबली बाउंसर’ रिलीज को तैयार है। नवभारत टाइम्‍स से खास बातचीत में एक्‍ट्रेस ने फिल्‍म को लेकर अपनी तैयारी का जिक्र किया। साथ ही ख्‍वाहिश बयां की कि वो नॉर्थ में भी साउथ जैसा नाम कमाना चाहती हैं।

 

Tamannaah
ओटीटी पर आ रही है तमन्‍ना भाटिया की नई फिल्‍म ‘बबली बाउंसर’

तमन्‍ना भाटिया ने साउथ की फिल्‍मों में खूब नाम कमाया है। बॉलीवुड में उन्‍होंने ‘चांद सा रोशन चेहरा’ से लेकर ‘हिम्‍मतवाला’ और ‘हमशक्‍ल्‍स’ जैसी फिल्‍में की हैं। यह दिलचस्‍प है कि हिंदी फिल्‍मों से करियर की शुरुआत करने वाली तमन्‍ना को बॉलीवुड में अभी तक कोई ऐसी सफलता नहीं है, जिस पर वह गुमान कर सकें। तमन्ना भाटिया अब हिंदी सिनेमाई पर्दे पर अपना दम दिखाने के लिए ‘बबली बाउंसर’ बनकर आ रही है। इस फिल्‍म का ट्रेलर सोमवार को रिलीज हुआ है, जिसे बढ़‍िया रेस्‍पॉन्‍स मिला है। नवभारत टाइम्‍स से खास बातचीत में तमन्‍ना ने कहा कि उन्‍हें इस फिल्‍म से न सिर्फ बहुत उम्‍मीदें हैं, बल्‍क‍ि इस अलग हटके किरदार के लिए वह बहुत एक्‍साइटेड भी हैं। फिल्म में तमन्ना एक लेडी बाउंसर के रोल में हैं। मधुर भंडारकर के डायरेक्‍शन में तमन्ना अपने अब तक के किरदारों से एकदम अलग नजर आ रही हैं। वह खुद भी मानती हैं कि इस फिल्म से मधुर भंडारकर ने उन्हें एक तरह से दोबारा लॉन्च कर दिया है।

मधुर सर ने मुझे दोबारा लॉन्च कर दिया
फिल्म ‘बबली बाउंसर’ और अपने किरदार के बारे में तमन्ना कहती हैं, ‘मैं मधुर सर की हमेशा से बहुत बड़ी फैन रही हूं। लेकिन अब उनके प्रति मेरा सम्मान और ज्यादा बढ़ गया है। मधुर सर ने एक तरह से मुझे फिर से लॉन्च कर दिया। मैंने बेशक बहुत सी फिल्में की हैं लेकिन इस तरह का किरदार, जो एक हरियाणवी जाट है, कभी नहीं किया। ये मेरे दिल के बहुत करीब है, क्योंकि मेरी भाभी हरियाणवी हैं। मैंने इस किरदार के लिए उनसे प्रेरणा ली। इस फिल्म का विषय बहुत मजेदार है और मुझे लगता है कि पिछले दो-तीन साल पूरी दुनिया के लोगों के लिए बहुत मुश्किल रहे हैं, हर इंसान बीते दो-तीन साल में किसी न किसी तरह की मुश्किल से गुजरा है। ऐसे में हमने एक ऐसी फिल्म बनाने की कोशिश की है जो लोगों के चेहरे पर मुस्कुराहट छोड़ जाए।’


साउथ की तरह नॉर्थ इंडिया के लोग भी अपना लें
फिल्म में बेधड़क हरियाणवी बोल रहीं तमन्ना फिल्म के लिए अपनी तैयारी के बाबत बताती हैं, ‘आम तौर पर इस तरह के किरदारों की फिजिकैलिटी पर बहुत ज्यादा जोर दिया जाता है, पर यहां बबली जिस किस्म की कैरेक्टर है, उससे लोग ज्यादा कनेक्ट करेंगे। हालांकि, इसके लिए शुरू में मैंने बहुत वर्कआउट किया, क्योंकि मुझे अंदर में मजबूत बनना था। आम तौर पर हम कैसे दिख रहे हैं, उसके खूबसूरत पक्ष पर ज्यादा ध्यान देते हैं लेकिन जब आप एक बुलेट चला रहे हैं, उस पर लोगों को बिठाकर ले जा रहे हैं तो उसमें सच में ताकत लगती है। मुझे वो ताकत खुद में लानी पड़ी, जो ज्यादा मुश्किल था। बाकी, अब तक मैंने तमिल-तेलुगू में ज्यादा काम किया है। कुछ हिंदी फिल्में की हैं पर हरियाणवी किरदार पहली बार कर रही हूं। हरियाणवी लोगों में एक नेचुरल सेंस ऑफ ह्यूमर और आत्मविश्वास होता है, जो बहुत ही प्यारा होता है। मैंने उसे अपनाने की कोशिश की। वैसे, सच कहूं तो मैं साउथ इंडियन भी नहीं हूं, लेकिन पूरी साउथ इंडिया की ऑडियंस ने मुझे इतना प्यार दिया। ऐसे अपना लिया कि मैं उनकी अपनी हूं। इस फिल्म से यही उम्मीद है कि मुझे नॉर्थ बेल्ट भी अपना ले और अपना बना ले।’

यहां देखि‍ए, बबली बाउंसर का ट्रेलर

‘ऋतिक रोशन -विकी कौशल की बाउंसर बनना चाहूंगी’
तमन्ना से एक मजेदार सवाल ये भी किया गया कि उन्हें किसी सिलेब्रिटी की बाउंसर बनने का मौका मिले तो वे किसकी बाउंसर बनना चाहेंगी? इस पर उन्होंने कहा, ‘वैसे तो काफी सारे लोग हैं, जिनकी मैं बाउंसर बनना चाहूंगी। लेकिन आपने मुझे विशलिस्ट दे ही दी है तो रितिक (रोशन) एक ऐसे शख्स हैं, जिनकी मैं एक दिन के लिए बाउंसर बनना चाहूंगी। इसके अलावा, विक्‍की कौशल की एक दिन की बाउंसर बनना चाहूंगी। ये मेरे फेवरेट हैं।’


ओटीटी और थिएटर की बीच की दूरी मिट गई है: मधुर
‘बबली बाउंसर’ ओटीटी प्‍लेटफॉर्म डिज्‍नी प्‍लस हॉटस्‍टार पर 23 सितंबर को रिलीज हो रही है। फिल्म को थिएटर की बजाय ओटीटी पर लाने की वजह क्या आज के माहौल में थिएटर में दर्शकों को खींच पाने की चुनौती भी रही? इस सवाल पर डायरेक्टर मधुर भंडारकर ने कहा, ‘नहीं, ऐसा बिल्कुल नहीं हैं। इंडस्ट्री में कभी-कभी इस तरह का दौर आता है-जाता है। ये बिल्कुल नहीं है कि फिल्म इंडस्ट्री का दौर खराब है, इसलिए हमने ऐसा सोचा। मुझे लगा कि ये ओटीटी के लिए परफेक्ट फिल्म है। आज ओटीटी की बहुत बड़ी ऑडियंस है, थिएटर और ओटीटी के बीच की दूरी मिट चुकी है। आज अच्छा कॉन्टेंट चाहे थिएटर में हो या वो ओटीटी पर हो, वो लोगों को खींचता है।’