नई दिल्ली. इस हफ्ते घरेलू शेयर बाजार में तेजी देखने को मिली. शुक्रवार को सेंसेक्स 303.38 अंक या 0.56% की तेजी के साथ 54,481.84 पर और निफ्टी 50 87.70 अंक या 0.54% ऊपर 16,220.60 पर बंद हुआ था. कमोडिटी की कीमतों में मजबूती और विदेशी निवेशकों की बिकवाली पर थोड़ी लगाम इस तेजी का प्रमुख कारण रहे. इस हफ्ते निवेशकों की संपत्ति में करीब 7.72 लाख करोड़ रुपये से अधिक का इजाफा हुआ.
इस सप्ताह सेंसेक्स और निफ्टी 50 दोनों ही 3% से ज्यादा चढ़े हैं. बीएसई का मार्केट कैप 8 जुलाई तक बढ़कर लगभग 2,51,59,998.80 करोड़ रुपये हो गया. 1 जुलाई के मुकाबले यह 7,72,870.07 करोड़ अधिक था.
क्या तेजी जारी रहेगी?
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने इस हफ्ते के प्रदर्शन को लेकर कहा, “सप्ताह के दौरान कमोडिटी कीमतों में मजबूती के कारण घरेलू बाजार में तेजी देखी गई और एफआईआई की बिक्री में कमी आई. मंदी की आशंका से कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई है.” नायर ने बताया कि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से मुद्रास्फीति की आशंका में भी नरमी आएगी. इससे केंद्रीय बैंकों पर आगामी बैठकों में आक्रामक तरीके से ब्याज दरें बढ़ाने का बोझ कम होगा. उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान में, निवेशक तेजी से बढ़ने वाले शेयरों की तुलना में मजूबत शेयरों को अधिक पसंद कर रहे हैं. बकौल नायर, मजबूत नकदी प्रवाह, डिविडेंड पॉलिसी और स्थिर आय वृद्धि के कारण एफएमसीजी जैसे रक्षात्मक क्षेत्र बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं. हालांकि, नायर ने यह भी बताया कि यह रैली धीमी पड़ सकती है क्योंकि कमोडिटी की कीमतों में सुधार और सख्त मौद्रिक नीति वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए नकारात्मक है.
1 जून से 15 जून आउटलुक
सैमको सिक्योरिटीज के मार्केट पर्सपेक्टिव्स के प्रमुख अपूर्व शेठ ने कहा, “आने वाले सप्ताह में बाजार कई चुनौतियों का सामना करेगा. यूएसए की मुद्रास्फीति संबंधी आंकड़े, निर्माता मूल्य सूचकांक (पीपीआई) और जॉबलेस क्लेम डेटा की वजब से वैश्विक बाजारों में हलचल रहेगी.” शेठ ने कहा “मैक्रो डेटा के अलावा, तिमाही परिणाम बाजार की धारणा को प्रभावित करेंगे. कई महत्वपूर्ण घटनाओं के सामने आने के कारण निवेशकों को सावधान और सतर्क रहने की सलाह दी जाती है.”