IPH department plucked the silt coming in Gowda river: Now there will be no shortage of water in Solan from next year.

आईपीएच विभाग ने गौड़ा नदी में आने वाली गाद का निकाला तोड़ : अब अगले वर्ष से सोलन में नहीं होगी पानी की कमी |

सोलन जिला में जब भी  आसमान से पानी बरसता है तो शहर में पानी की कमी पड़ जाती है।  जिसका सबसे बड़ा कारण है उठाऊ पेयजल योजनाओं में गाद आना।  यह समस्या आज की नहीं है बल्कि वर्षों से चली आ रही है।  भाजपा और कांग्रेस इस उठाऊ पेयजल योजना का श्रेय तो खूब लेते है।  लेकिन नदी में आने वाली  गाद  की  समस्या की ओर किसी भी राजनीतिक दल ने  आज तक ध्यान नहीं दिया।  जिस कारण यह  योजना  बरसात के समय में  हांफ जाती है। सोलन वासियों को तीसरे दिन मिलने वाला पानी चौथे या पांचवें दिन मिलता है।  जिसकारण बहुत सी असुविधाएं जिला वासियों को  उठानी पड़ती है। लेकिन अब यह  गाद की समस्या 2022 में  खत्म होने वाली है।  क्योंकि  आईपीएच विभाग ने इस गाद का तोड़ निकाल लिया है।  जगह जगह डीसिल्टिंग चैंबर बनाए जा रहे है | जिसकी वजह से यह समस्या खत्म हो जाएगी और शहर वासियों को स्वच्छ पानी पीने को मिलेगा।  यह जानकारी   आई पी एच विभाग के अधिशाषी अभियंता रवि कांत शर्मा ने मीडिया को दी।  

रवि कांत शर्मा ने  जानकारी देते हुए बताया कि बरसात के समय में गिरी और अश्वनी खड्ड में स्थापित पेयजल योजनाओं में गाद की समस्या आ जाती है।  जिसकी वजह से पानी की सप्लाई रुक जाती है।  लेकिन अब इस समस्या का हल निकालने के लिए विभाग द्वारा डी सिल्टिंग चैंबर  बनाए जा रहे है।  वही  नदी के समीप 2  पर्कुलेशन कुएं  भी बनाए गए है।  नदी में गाद आने पर इन कुओं से  45 लाख लीटर पानी लिया जा रहा है।  उन्होंने बताया कि साढ़े सात एमएलडी का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी वहां बनाया जा रहा है। इस योजना पर 16 करोड़ रूपये खर्च किए जा रहे है।  इस योजना पर  65 प्रतिशत  काम अभी तक हो चुका है।  मार्च 2022 तक इस योजना को पूर्ण कर लिया जाएगा।  इस योजना के पूर्ण होते ही बरसातों में  नदी में गाद आने पर भी भी जिला सोलन में पानी कमी नहीं होगी