IPL 2023: युवा बल्लेबाजों में दिखा भविष्य, लेकिन गेंदबाजी का क्या? सीनियर के सामने कहां टिकते हैं नए लड़ाके

IPL 2023: आईपीएल 2023 में भारत के कई युवा बल्लेबाजों ने कमाल का खेल दिखाया। राजस्थान रॉयल्स के सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल को तो टेस्ट चैंपियनशिप के स्टैंड बाई में शामिल भी कर लिया गया है। लेकिन भारतीय युवा गेंदबाजों का प्रदर्शन कैसा रहा? चलिए उसे समझने की कोशिश करते हैं।

नई दिल्ली: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2023) पर इस बार सोलहवां साल चढ़ा। इस ‘स्वीट-16’ साल में कुछ भारतीय युवाओं ने अपने प्रदर्शन से भविष्य को लेकर ढेर सारी उम्मीदें जगाई हैं। शुभमन गिल ने जिस अंदाज में बैटिंग की है, उससे लगता है कि भारतीय क्रिकेट टीम का भविष्य काफी उज्जवल है। यशस्वी जायसवाल, रिंकू सिंह और तिलक वर्मा को भी इस लिस्ट में जोड़ दें तो तस्वीर काफी उत्साहजनक दिखाई देती है। हालांकि, 25 साल या इससे कम उम्र के यह सभी युवा बैटर हैं। कुछ ऐसी ही अच्छी सूरत बोलिंग में नहीं दिखाई देती। आईपीएल के मौजूदा सीजन के टॉप-5 बोलर्स में चार भारतीय हैं। हालांकि, ये सारे स्थापित बॉलर हैं।

अनुभवी गेंदबाजों का बोलबाला

गेंदबाजों का आंकड़ा देखें तो इस बार सबसे दिलचस्प रहा कि टॉप-3 में एक ही टीम के गेंदबाज हैं। ये हैं मोहम्मद शमी, राशिद खान और मोहित शर्मा। ये तीनों गुजरात टाइटंस के हैं। इस टीम की सफलता में इन तीनों का अहम रोल रहा। इस लीग के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब फाइनल में पहुंचने वाली किसी टीम के तीन गेंदबाज टॉप-3 में शामिल हों। शमी तकरीबन 33 साल के हैं और इस उम्र में भी उनकी स्पीड और पिच के हिसाब से अपनी कला का इस्तेमाल करके विकेट उड़ाने की उनकी क्षमता किसी से भी बेहतर है। विकेट लेने में तो वह अव्वल रहे ही, उनकी गेंदों पर बैट अड़ाना भी बल्लेबाजों के लिए कितना मुश्किल रहा, इसका अनुमान डॉट बाल्स से मिलता है।

इस सीजन फाइनल से पहले उन्होंने कुल 62 ओवर्स की गेंदबाजी की जिसमें उनकी 188 गेंदों पर एक भी रन नहीं बना। सबसे हैरान करने वाला प्रदर्शन किया है मोहित शर्मा ने। तकरीबन भुला दिए गए इस बोलर ने कोई तीन साल बाद इस लीग में वापसी करते हुए पहले ही मैच से अपनी छाप छोड़ दी। चौंतीस की उम्र में मोहित का 10 रन देकर पांच विकेट लेने वाला प्रदर्शन लंब समय तक नहीं भुलाया जाएगा।

चहल और चावला को चुनौती नहीं

भारतीय फिरकी बॉलर्स के बीच युजवेंद्र चहल को लंबे समय से छोटे फॉर्मेट्स में तरजीह दी जाती रही है। उन्होंने एक बार फिर साबित किया कि फिलहाल उनको पीछे छोड़ने के लिए युवा फिरकीबाजों को थोड़ी और मेहनत करनी पड़ेगी। चहल से एक विकेट अधिक लेकर पीयूष चावला ने भी दिखाया कि वह भले ही सिलेक्टर्स द्वारा भुला दिए गए हों, लेकिन उन्होंने अभी हिम्मत नहीं हारी है। चहल और चावला के साथ टॉप-10 में रहे वरुण चक्रवर्ती और रविंद्र जाडेजा को भी जोड़ लें तो यही लगता है कि भारतीय युवा स्पिनर्स को ‘टॉप लीग’ में शामिल होने के लिए अभी और मेहनत करनी होगी।

युवाओं में अर्शदीप और बिश्नोई बेस्ट

भारतीय बॉलर्स में इस बार तुषार देशपांडे और आकाश मधवाल ने भी अपने प्रदर्शन से इस बार ध्यान खींचा है। हालांकि, ये दोनों तकरीबन 29 साल के हैं। पच्चीस साल से कम उम्र के गेंदबाजों में अर्शदीप सिंह (14 मैच में 17 विकेट) और रवि बिश्नोई बेस्ट नजर आए हैं। इनको भारतीय टीम में मौका मिलता रहा है। हालांकि, अर्शदीप की 9.69 की इकॉनमी बताती है कि उन्हें अपने यॉर्कर्स को ज्यादा कारगर बनाने पर सीनियर्स के साथ अभी काम करने की जरूरत है। इसी तरह बिश्नोई को अपनी स्टॉक बॉल से आगे भी सोचना होगा जिससे वह रन रोकने (7.74 इकॉनमी) के अलावा मैच दर मैच विकेट भी निकाल सकें।