Mohit Sharma: भले ही आखिरी दो गेंद खराब गई, लेकिन आईपीएल का 16वीं सीजन मोहित शर्मा के लिए काफी अच्छा गया। 26 विकेट के साथ पर्पल कैप की लिस्ट में वो शुमार रहे। 34 साल की उम्र में ऐसा कमबैक दूसरे क्रिकेटर्स के लिए मिसाल है।
रविंद्र जडेजा के विनिंग शॉट लगाते ही रविंद्र जडेजा की आंखों में आंसू साफ देखे जा सकते थे। हार्दिक पंड्या फौरन अपने अनुभवी हरियाणवी बोलर को हिम्मत देने पहुंचे। गले से लगा लिया, वरना मोहित वहीं टूट जाते। इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में मोहित शर्मा हार के बाद की कहानी सुनाते हैं। बताते हैं कि कैसे उन दो बॉल्स ने रातों की नींद उड़ा दी।
आखिरी दो गेंदों में छक्का और फिर चौका मारकर हीरो बने रविंद्र जडेजा ने मैच के बाद बताया था कि, ‘मेरे दिमाग में बस यही चल रहा था कि मुझे बैट जोर से घुमाना है। बॉल कहां जाएगा, मैं इसके बारे में नहीं सोच रहा था। मैंने खुद को बैक किया। मैं बॉल को सीधा मारना चाहता था क्योंकि जानता था कि मोहित स्लोअर भी बढ़िया डाल सकता है।
नॉन स्ट्राइक एंड पर खड़े शिवम दुबे को भी जडेजा की काबिलियत पर पूरा भरोसा था। मुंबई के इस लेफ्ट हैंड बैटिंग ऑलराउंडर का खेल धोनी की कप्तानी में निखरकर सामने आया है। उन लम्हों को याद करते हुए शिवम दुबे कहते हैं, ‘जब जड्डू ने पांचवीं बॉल पर छक्का मारा तब वह राहत भरा क्षण था। अगर आखिरी बॉल का बल्ले से कनेक्शन नहीं होता तो हम दौड़ने के लिए तैयार थे। तीन रन लेना असंभव था, लेकिन कुछ भी करके कम से कम हमें मुकाबला टाई तो करना ही था। लेकिन हम जीत गए।’