देने का फैसला लिया है. यूक्रेन के खिलाफ जंग में रूस इन ड्रोनों का इस्तेमाल करेगा. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा है कि ईरान यूक्रेन में युद्ध के लिए संभावित रूप से सैकड़ों ड्रोन रूस को देने की योजना बना रहा है. इसमें से कुछ ड्रोन लड़ाकू क्षमताओं के साथ हैं.
व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि मिली जानकारी से पता चलता है कि ईरान रूसी बलों को ड्रोन का इस्तेमाल करने के लिए प्रशिक्षित करने की तैयारी कर रहा है. बता दें कि ड्रोन यूक्रेन और रूस दोनों के बीच चल रहे युद्ध का अभिन्न अंग रहे हैं.
पिछले हफ्ते ही यूक्रेन ने अपने युद्ध प्रयासों में सहायता के लिए अमेरिका से हजारों ड्रोन दान करने की अपील की थी. सुलिवन ने कहा कि अमेरिका को मिली खुफिया जानकारी इस विचार का समर्थन करती है कि पूर्वी यूक्रेन पर रूस का हमला “अपने हथियारों के रखरखाव की कीमत पर आ रहा है”.
उन्होंने यह भी देखा कि ईरानी ड्रोन का इस्तेमाल पहले यमन के हैती विद्रोहियों द्वारा सऊदी अरब पर हमला करने के लिए किया गया था.
एक महीने पहले ईरान की सेना ने अपनी ताकत दिखाने के लिए मिसाइलों से लैस ड्रोन्स की फोटो जारी की थी. ईरान के सरकारी टीवी चैनल पर ड्रोन्स की फोटो दिखाई गई. इतना ही नहीं ईरान के सरकारी टीवी चैनल ने तेहरान के पास दुनिया के सबसे घातक ड्रोन्स होने का दावा भी किया. इसमें कहा गया कि ये ड्रोन्स एक खुफिया बेस में रखे गए हैं.
हालांकि बेस की लोकेशन कहां है, ये किसी को नहीं पता है. रिपोर्ट्स में कहा गया कि ये बेस केर्मंनशाह शहर से 40 मिनट की दूरी पर हो सकता है. ईरान ने 1980 में ड्रोन बनाना शुरू कर दिया था. इस समय ईरान-ईराक के बीच युद्ध छिड़ा हुआ था.
ईरान के आर्मी चीफ मेजर जनरल अब्दुलरहीम मौसवी और ईरान आर्मड फोर्स के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल मोहम्मद बघेरी ने इस बेस का दौरा किया. इस दौरान मेजर जनरल अब्दुलारहीम मौसावी ने कहा कि इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान की सेना सबसे मजबूत सेना है.
द यरूशलम पोस्ट के मुताबिक मेजर जनरल मौसवी ने कहा कि ईरानी सेना के ड्रोन्स किसी भी स्थिति में तुरंत काउंटर अटैक करके दुश्मन के होश उड़ाने के लिए तैयार हैं. हम लगातार अपने ड्रोन्स को अपडेट कर रहे हैं.