ईरान के आत्‍मघाती ड्रोन ने यूक्रेन की राजधानी में मचाई तबाही, जानें कितना खतरनाक है

रूस (Russia) पिछले कुछ दिनों से यूक्रेन (Ukraine) की राजधानी कीव (Kyiv) पर हमले कर रहा है। रूस-यूक्रेन जंग (Russia-Ukraine War) के आठ महीने होने वाले हैं और अब कीव पर हो रहे हमलों ने इस युद्ध को नई दिशा की तरफ मोड़ दिया है। कीव पर एक बार फिर रूस ने ईरान (Iran) के सबसे खतरनाक ड्रोन से हमला किया।

कीव: यूक्रेन की राजधानी कीव पर सोमवार से ही एक के बाद एक हमले हो रहे हैं। क्रीमिया और रूस को जोड़ने वाले केरेच के पुल पर जबसे हमला हुआ है तब से ही रूस आक्रामक मुद्रा में है। फरवरी में शुरू हुई जंग में कीव पर इस स्‍तर पर हमले पहली बार किए जा रहे हैं। रूस ने राजधानी कीव के पार्कों और टूरिस्‍ट प्‍लेसेज के अलावा सभी बड़े संस्‍थानों को निशाना बनाया है। इसकी वजह से यूक्रेन के कई हिस्‍सों में न तो बिजली है, न ही पानी और न ही दूसरी जरूरी सुविधाएं। बताया जा रहा है कि रूस ने कीव पर जो हमला किया उसके लिए उसने ईरान के सबसे खतरनाक ड्रोन कामीकाजे या शाहीद-136 का प्रयोग किया है। कीव के रीजनल गर्वनर ओलेक्‍सी कुलेबा की तरफ से भी इस बात की पुष्टि की गई है।

ईरान के ड्रोन से हमला
यूक्रेन की इमरजेंसी सर्विसेज की मानें तो सोमवार को हुए हमलों में कम से कम 19 लोगों की मौत हुई है। गुरुवार को भी कीव में हमले हुए हैं। कुलेबा ने कहा कि शुरुआती जानकारी के मुताबिक इन हमलों में ईरान के बने ड्रोन का प्रयोग हुआ था। अभी तक कितने लोगों की मौत हुई है, इसकी कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। कीव में जो तबाही हुई है, उसे देखने के बाद कहा जा रहा है कि रूस ने इन हमलों में सिर्फ मिसाइलों का ही प्रयोग किया है, पूरी तरह से गलत है।

हमलों के लिए उसने शाहीद-156 ड्रोन को इस्‍तेमाल भी किया है। यूक्रेन की सेना ने भी खासतौर पर इस ड्रोन का नाम लिया है। शाहीद ड्रोन को ईरान का सबसे खतरनाक ड्रोन माना जाता है। यूक्रेन की मिलिट्री के मुताबिक रूस की सेना को युद्ध में शिकस्‍त का सामना करना पड़ रहा है। अब उसने अपनी पकड़ मजबूत बनाने के लिए ईरान में बने ड्रोन से हमला करना शुरू कर दिया है।

सुसाइड ड्रोन शाहीद
शाहीद-136 को सुसाइड ड्रोन भी कहते हैं। यह ड्रोन इतना क्षमतावान है कि यह निर्देश मिलने से पहले टारगेट एरिया के करीब इंतजार करता है। इसके बाद जैसे ही निर्देश मिलते हैं यह विस्‍फोटक को पूरी ताकत के साथ टारगेट पर ब्‍लास्‍ट करता है। मिलिट्री फैक्‍ट्री वेबसाइट की तरफ से बताया गया है कि इस ड्रोन का वजन 200 किलोग्राम है और इसका विंगस्‍पैन 2.5 मीटर है। इस ड्रोन को ईरान की एयरक्राफ्ट मैन्‍युफैक्‍चरिंग कंपनी ने तैयार किया है और साल 2021 से इसका प्रयोग हो रहा है।

2500 किमी रेंज
यूके के रक्षा मंत्रालय की मानें तो ड्रोन की रेंज 2500 किलोमीटर है। इस वजह से इस बात की पूरी संभावना है कि रूस, यूक्रेन में इनका प्रयोग कर रहा है। एक और वेबसाइट ने दावा किया है कि एक यूएवी और एक क्रूज मिसाइल जो शाहीद-136 से लैस है वह कम कीमत पर बहुत ज्‍यादा नुकसान पहुंचाने में सक्षम है। यूक्रेनी मिलिट्री भी शाहीद-136 से अपना बचाव करने में सक्षम नहीं है। एक बार अगर शाहीद ने अपने टारगेट को लॉक कर दिया तो फिर इसे रोकना असंभव है।

प्रभावशाीलता बहुत कम
यूक्रेन की मिलिट्री की प्रवक्‍ता नतालिया होमेनयूक ने सितंबर में न्‍यूज एजेंसी एएफपी को बताया था कि शाहीद-136 ड्रोन का पता लगा पाना भी काफी मुश्किल है। यह ड्रोन बहुत नीचे उड़ता है लेकिन इससे शोर काफी ज्‍यादा होता है। इस ड्रोन से बिल्‍कुल किसी आरा मशीन या खराब स्‍कूटर का साउंड आता है। यानी इन्‍हें काफी दूर से सुना जा सकता है। इनकी प्रभावशीलता काफी कम है लेकिन बस एक जगह की आबादी को डराने के लिए इनका प्रयोग होता है।

कब से हो रहे यूज
जुलाई में सीएनएन ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि रूस के प्रतिनिधिमंडल ने सेंट्रल ईरान की एक एयरफील्‍ड का दौरा किया था। जून के बाद जुलाई में यह दूसरा दौरा था जिसमें हथियारों की क्षमता वाले ड्रोन को परखा जाना था। अगस्‍त में रूस के अधिकारियों को ड्रोन के साथ ट्रेनिंग दी जाने लगी थी। 13 सितंबर को यूक्रेन क सेना ने एक शाहीद-136 ड्रोन को ढेर कर दिया था।