Iraq President Election: कुर्द नेता अब्दुल लतीफ रशीद बने इराक के राष्ट्रपति, मोहम्मद शिया अल-सुदानी प्रधानमंत्री मनोनीत

इराक में रॉकेट हमलों के बीच नए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की नियुक्ति हुई है। कुर्द राजनेता अब्दुल लतीफ राशिद को इराक का नया राष्ट्रपति चुना है। वहीं, ईरान समर्थित धड़े के नेता मोहम्मद शिया अल-सुडानी को इराक का प्रधानमंत्री बनाया गया है। इस नियुक्ति को मुक्तदा अल सद्र के लिए बड़ी हार के तौर पर देखा जा रहा है।

बगदाद: इराक की संसद ने गुरुवार को कुर्द राजनेता अब्दुल लतीफ राशिद को नया राष्ट्रपति चुना है। अब्दुल लतीफ ने राष्ट्रपति का पद संभालते ही मोहम्मद शिया अल-सुडानी को इराक का प्रधानमंत्री नामित किया। इसी के साथ पिछले साल अक्टूबर में चुनाव के बाद से जारी राजनीतिक गतिरोध खत्म हो गया है। पारंपरिक रूप से एक कुर्द के इराकी राष्ट्रपति पद पर नियुक्ति औपचारिक माना जा रहा है, लेकिन राशिद के लिए वोट एक नई सरकार बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इराक में नए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के चुनाव को लेकर कई बार राजनीतिक हिंसा भी हो चुकी है। कुछ महीने पहले तो प्रदर्शनकारियों का एक बड़ा हुजूम इराकी संसद में घुस गया था।

राशिद और सुडानी इराक के जाने-माने नेता
78 साल के अब्दुल लतीफ राशिद ब्रिटेन में पढ़े हुए इंजीनियर हैं। वे 2003 से 2010 तक इराकी जल संसाधन मंत्री थे। उन्होंने सरकार बनाने के लिए ईरान समर्थित पार्टियों के गठबंधन का समन्वय करने वाले सबसे बड़े सांसदों के गुट के नेता सूडानी को आमंत्रित किया। सूडानी ने पहले इराक के मानवाधिकार मंत्री के साथ-साथ श्रम और सामाजिक मामलों के मंत्री के रूप में कार्य किया है। राशिद ने पूर्व राष्ट्रपति बरहम सालिह के खिलाफ जीत हासिल की, जो दूसरे कार्यकाल के लिए चुनावी मैदान में थे।

राष्ट्रपति चुनाव के दौरान हुए नौ रॉकेट हमले
गुरुवार को इराक में मतदान, इस साल राष्ट्रपति का चुनाव करने का चौथा प्रयास था। इस दौरान इराकी राजधानी के ग्रीन जोन के आसपास 9 रॉकेट हमले भी हुए। सुरक्षा बलों और स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इस हमले में सुरक्षा बलों के सदस्यों सहित कम से कम 10 लोग घायल हो गए। पिछले महीने भी संसद के स्पीकर के चुनाव के दौरान इसी तरह के हमले हुए थे।

मुक्तदा अल सद्र को बड़ा झटका
इराक में शिया मुस्लिम धर्मगुरु मुक्तदा अल-सद्र के राष्ट्रपति बनने की संभावना जताई जा रही थी। पिछले साल हुए चुनावों में उनके समर्थित पार्टियों ने बड़ी जीत हासिल की थी। हालांकि, वह सरकार बनाने के लिए समर्थन जुटाने में विफल रहे। सद्र ने अगस्त में अपने 73 सांसदों के इस्तीफे की पेशकश की थी, जिसके बाद से बगदाद में हिंसा हुई थी। उनके समर्थकों ने संसद पर हमला बोल दिया और प्रतिद्वंदी शिया समूहों से लड़ाई लड़ी। इसमें अधिकांश ईरान समर्थित धड़े थे। सद्र ने अभी तक अपने अगले कदम की घोषणा नहीं की है।