बीते कुछ समय में कोविड से ठीक हो चुके मरीजों में हर्पीस जोस्टर के मामले सामने आए हैं। ये मामले लगातार बढ़ रहे हैं। क्या है हर्पीस जोस्टर और इससे बचाव के क्या उपाय हैं? जानें बेहद जरूरी काम की बात जो कोविड से उभरे मरीजों को जरूर पढ़नी चाहिए।
यह सिर्फ एक मामला है। देशभर में कोविड से पार पा चुके कई लोग हर्पीस जोस्टर का शिकार बन रहे हैं। साकरा वर्ल्ड हॉस्पिटल के कंसल्टिंग डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर विजया गौरी भंडारू बताती हैं, हर हफ्ते हर्पीस जोस्टर के 6 से 7 मामले सामने आ रहे हैं। ये सभी मरीज कोविड से रिकवर हो चुके हैं।
हर्पीस जोस्टर यानी शिंगल्स एक वायरल इंफेक्शन है। यह चिकन पॉक्स के वायरस वेरिसेला जोस्टर के कारण होता है। हर्पीस जोस्टर में शरीर के किसी हिस्से में पहले दर्द उठता है। फिर उसी जगह पर छोटे-छोटे दाने निकल आते हैं। ये दाने पानी से भरे होते हैं और एक बैंड के रूप में यानी एक साथ होते हैं। दानों में लगातार जलन, सूजन, खुजली और झनझनाहट होती है। हर्पीस जोस्टर से पीड़ित व्यक्ति को दाने वाले उस हिस्से में असहनीय दर्द भी होता है।
हर्पीस जोस्टर के शुरुआती लक्षणों में हल्की खुजली, सिर दर्द, फ्लू या फिर बुखार शामिल हैं। आमतौर पर हर्पीस जोस्टर 40 की उम्र पूरी कर चुके लोगों को ही होता है। लेकिन, अब कोविड रिकवर पेशेन्ट्स में भी यह इंफेक्शन देखा जा रहा है।
कोरोना से रिकवर हो चुके मरीजों को क्यों हो रहा?
दरअसल, हर्पीस जोस्टर इंफेक्शन का वायरस हमारे शरीर में पहले से ही मौजूद होता है। बस यह सुप्तावस्था में होता है। यानी, यह शरीर में तो मौजूद होता है पर एक्टिव नहीं होता। जब हमारा शरीर कमजोर होता है और इम्यूनिटी मजबूत नहीं होती, तब यह वायरस नसों से होते हुए त्वचा में जा सकता है।
क्या विदेशों में भी बढ़े हर्पीस जोस्टर के मामले?
कोरोना से रिकवर मरीजों में हर्पीस जोस्टर या त्वचा संबंधी समस्याओं के मामले सिर्फ भारत में ही नहीं बढ़े हैं। विदेशों के कोविड पेशेंट्स भी इस इंफेक्शन से पीड़ित हुए हैं। इस बारे में ओपन फोरम इंफेक्टिअस डिजीज जर्नल में एक स्टडी छपी है। इसमें ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों को आधार बनाया गया है। जर्नल के अनुसार, ब्राजील में 2017-2019 की तुलना में मार्च से अगस्त 2020 के बीच हर्पीस जोस्टर के डायग्नोसिस में 35 फीसदी की वृद्धि हुई। इसी तरह, तुर्की के एक आउट पेशेंट क्लिनिक में 2019 की समान अवधि की तुलना में मई से जून 2020 में हर्पीस जोस्टर संक्रमण में दोगुनी बढ़त देखी गई।
हर्पीस जोस्टर से बचाव कैसे करें?
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सबसे जरूरी हाइजीन का ख्याल रखें। हर्पीस जोस्टर एक संक्रामक बीमारी है। यह संपर्क के जरिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती है इसलिए साफ-सफाई पर खासा ध्यान दें। मास्क लगाएं और सैनिटाइजर का इस्तेमाल भी करें।
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खानपान को सुधारें। इस इंफेक्शन से बचाव के लिए चटपटा, मसालेदार न खाएं।
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इस बीमारी और बचाव के बारे में विस्तार से जानकारी मिलेगी नवभारत गोल्ड पर। दिए गए क्यूआर कोड को स्कैन कीजिए।