क्या दूसरी दुनिया से ‘जादू’ मैसेज भेज रहा है, पृथ्वी जैसे Exoplanet से लगातार आ रहे हैं रेडियो सिग्नल

क्या पृथ्वी की तरह कोई दूसरी ग्रह है? क्या किसी दूसरे प्लेनेट पर भी जीवन है? क्या सच्ची में ‘जादू’ एक्ज़िस्ट करता है? आप साइंस, एस्ट्रोनॉमी में रूचि रखें या न रखें ये सवाल हर किसी के मन में आते हैं. एस्ट्रोनोमर्स ने एक ख़ुशख़बरी दी है. पृथ्वी से मिलते-जुलते एक एक्सोप्लेनेट से बार-बार रेडियो सिग्नल आ रहे हैं.

क्या एलियंस पृथ्वी वासियों को मैसेज भेज रहे हैं?

Scientists Say That EarthUnsplash

CNN की रिपोर्ट के अनुसार, एस्ट्रोनोमर्स ने रिपीटिंग रेडियो सिग्नल्स रिकॉर्ड किए हैं. ये सिग्नल्स एक एक्सोप्लेनेट से आ रहे हैं जो पृथ्वी से 12 प्रकाश वर्ष दूर है. रेडियो सिग्नल्स पृथ्वी तक पहुंचने का मतलब ये है कि इस एक्सोप्लेनेट का भी मैगनेटिक फ़ील्ड और यहां तक की एटमोस्फ़ेयेर भी है.

पृथ्वी का मैगनेटिक फ़ील्ड, पृथ्वी के एटमोस्फ़ेय़र को प्रोटेक्ट करता है. पृथ्वी पर जीवन होने का ये बहुत अहम कारण है. हमारे सौर मंडल से बाहर के ग्रहों में एटमोस्फ़ेयेर का मिलने का मतलब है कि इन ग्रहों पर भी जीवन की संभावना है.

एक रॉकी प्लैनेट से आ रहे हैं सिग्नल्स

earthGreek Reporter/Representational Image

वैज्ञानिकों के अनुसार, स्टार YZ Ceti और इसका चक्कर लगाने वाले रॉकी एक्सोप्लेनेट, YZ Ceti b से रेडिय सिग्नल्स आ रहे हैं. न्यू मेक्सिको के टेलिस्कोप से Karl G. Jansky ने इन तरंगों को ऑब्ज़र्व किया. ये टेलिस्कोप US National Science Foundation द्वारा ऑपरेट किया जाता है. शोधार्थियों का मानना है कि प्लैनेट के मैगनेटिक फ़ील्ड और स्टार के बीच इंटेरेक्शन से ये रेडियो सिग्नल्स बने.

बीते सोमवार को Nature Astronomy नामक जर्नल में ये स्टडी छपी है. इन रेडियो सिग्नल्स ने शोधार्थियों और वैज्ञानिकों की उम्मीद बढ़ा दी है. Sebastian Pineda नामक एस्ट्रोफ़िज़िसिस्ट के अनुसार, ‘कोई ग्रह एटमोस्फ़ेयेर के साथ सर्वाइव करेगा या नहीं ये इस बात पर निर्भर करता है कि उस ग्रह का मैगनेटिक फ़ील्ड कितना स्ट्रॉन्ग है.’

मैगनेटिक फ़ील्ड को देखा नहीं जा सकता इसलिए ये बता पाना मुश्किल है कि इस एक्सोप्लेनेट का मैग्नेटिक फ़ील्ड है या नहीं.