नई दिल्ली. सोने में किए गए निवेश (Gold Investment) को हमेशा खरा निवेश माना जाता है. दुनिया में जब भी उथल-पुथल मचती है तो जहां शेयर बाजार और कमोडिटी बाजार में गिरावट आती है, वहीं सोने के भाव बढ़ जाते हैं. जब कोविड-19 के कारण दुनियाभर अनिश्चितता की स्थिति बनी तो सोने की कीमतों में इजाफा हो गया. इसी तरह रूस-यूक्रेन शुरू होते ही दुनिया भर के शेयर बाजार धड़ाम हो गए और सोने की कीमतें चढ़ गईं.
पिछले कुछ दिनों से सोने के भावों में गिरावट आई है. सोमवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोने के भाव सुबह 314 रुपये लुढ़क गया और 50,924 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया. वहीं, आज शाम को दिल्ली के सर्राफा बाजार में भी सोने की कीमतों में गिरावट आई. सोमवार को सर्राफा बाजार में सोने का भाव 365 रुपये प्रति 10 ग्राम लुढ़क गया. दिल्ली सर्राफा बाजार में 24 कैरेट सोने का भाव आज 51,385 पर बंद हुआ है.
क्या यह है सोना खरीदने का सही समय?
अमेरिकी जीडीपी लगातार दो तिमाही घटी है. अमेरिका सहित लगभग सभी देशों का महंगाई से बुरा हाल है. अमेरिका के केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में आक्रामक तरीके से बढोतरी करने से मांग में कमी आई है और मंदी की आशंका गहराने लगी है. वैश्विक मंदी का खतरा मंडरा रहा है. रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन तनातनी बढ़ी है और युद्ध का खतरा मंडरा रहा है. जानकारों का मानना है कि ऐसी परिस्थितियों में धीरे-धीरे और लगातार सोना खरीदना एक अच्छी रणनीति हो सकती है. सर्राफा बाजार से सोना या सोने के आभूषण खरीदने के अलावा सोने में निवेश के और भी कई तरीके हैं. आइए इनके बारे में जानते हैं.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सोने में निवेश का एक शानदार टूल है. इसमें किया गया निवेश पूरी तरह सुरक्षित होता है क्योंकि इसमें रिजर्व बैंक की सुरक्षा गारंटी मिलती है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में 2.5% सालाना ब्याज के साथ सोने की कीमत बढ़ने का लाभ भी मिलता है. लेकिन इसमें किया गया निवेश 5 साल के लिए लॉक हो जाता है.
गोल्ड ईटीएफ
गोल्ड ईटीएफ यानी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड निवेशकों को सोने में छोटा निवेश करने की सुविधा देता है. ETF के जरिए सोना यूनिट्स में खरीदते हैं, जहां एक यूनिट एक ग्राम की होती है. इससे कम मात्रा में या SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के जरिए सोना खरीदना आसान हो जाता है. गोल्ड ETF से खरीदे गए सोने की 99.5% शुद्धता की गारंटी होती है इसे संभालने की जरूरत भी नहीं होती क्योंकि यह डीमैट अकाउंट में होता है. जरूरत पड़ने पर इसे कभी भी स्टॉक एक्सचेंज पर बेचा जा सकता है.
गोल्ड म्यूचुअल फंड
आप गोल्ड म्यूचुअल फंड में भी पैसा लगा सकते हैं. इसमें भी निवेश फंड हाउस के जरिये वैसे ही किया जाता है जैसे हम इक्विटी या बॉन्ड में करते हैं. गोल्ड म्यूचुअल फंड निवेशकों को एसआईपी (SIP) के जरिए निवेश करने की अनुमति देते हैं, इसके माध्यम से आप सोने में छोटे निवेश से शुरुआत कर सकते हैं.