हमीरपुर, 26 सितंबर : प्रदेश में विस चुनाव का शंखनाद एक से तीन सप्ताह में हो सकता है। भाजपा में सुजानपुर सीट को लेकर संशय बना हुआ है। सवाल बना हुआ है कि क्या भाजपा आलाकमान प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को फिर टिकट देगी या नहीं। 2017 में प्रदेश में राजनीति की दशा और दिशा बदलने वाली सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र का इतिहास बेहद ही रोचक रहा है। मतदाताओं ने पिछले चुनाव में भाजपा के मुख्यमंत्री कैंडिडेट प्रेम कुमार धूमल को हराकर बड़ा उलटफेर किया था।
1998 से 2007 तक धूमल ने बमसन विधानसभा क्षेत्र में लगातार तीन दफा जीत हासिल की थी। 2012 में उन्हें हमीरपुर सीट से लड़ाया गया। 2017 में जब वो बमसन से सुजानपुर बने विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतरे तो अपने ही राजनीतिक शिष्य राजेंद्र राणा से हार का सामना करना पड़ा। सुजानपुर सीट पर प्रेम कुमार धूमल जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं। उन्होंने इस सीट पर जीत का रिकॉर्ड भी बनाया था, हालांकि इस बार भाजपा ये निर्णय नहीं कर पाई है कि इस सीट पर किसे प्रत्याशी बनाया जाएगा। हालांकि प्रेम कुमार धूमल की इच्छा है कि वो इसी सीट से फिर चुनाव लड़ें।
सुजानपुर विधानसभा सीट 2017 के चुनाव में खूब सुर्खियों में रही थी, क्योंकि इस सीट से बतौर मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने चुनाव लड़ा था। हालांकि उन्हें चुनाव में हार मिली जिसके चलते वह राज्य के दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बन पाए।
भाजपा पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार धूमल को लेकर ही उलझी हुई है कि उन्हें चुनाव मैदान में उतारा जाए या नहीं। इसके अलावा दर्जनों सर्वे भी करवाए जा चुके है। भाजपा प्रदेश में ‘मिशन रिपीट’ को लेकर पिछले डेढ़ साल से ज्यादा समय से कोर कमेटी की बैठक करवा रही हैं, लेकिन टिकटों को लेकर कोई आम सहमति नहीं बन पाई है।टिकट आवंटन में परिवारवाद तो 70 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को टिकट न देने का भाजपा का फार्मूला आड़े आ रहा है। भाजपा में माथापच्ची ही चल रही है। उधर, धूमल है कि वे सुजानपुर से चुनाव लड़ने को आतुर हैं। अगर उन्हें टिकट नहीं दिया गया तो उनके समर्थक चुनावों में किस ओर करवट लेंगे यह कोई नहीं जानता।
खैर,अगर धूमल को टिकट दिया जाता है तो गुरु और शिष्य की जंग दोबारा होगी। धूमल को हराने की वजह से ही राणा का कांग्रेस में कद बढ़ा था।
सुजानपुर सीट पर कई रिकॉर्ड हैं धूमल के नाम
सुजानपुर विधानसभा सीट पर प्रेम कुमार धूमल पहली बार 1998 में चुनाव में जीत दर्ज की थी, वह लगातार 2007 तक चुनाव में जीत दर्ज करते रहे, उन्होंने इस सीट से जीत की हैट्रिक भी लगाई। 2007 में प्रेम कुमार धूमल ने सुजानपुर सीट से 26000 मतों के रिकॉर्ड अंतर से जीत दर्ज करके कीर्तिमान भी स्थापित किया है।
2017 में सुजानपुर की जनता ने नकारी धूमल की पंदूड़ी
2017 के विस चुनावो में प्रेम कुमार धूमल ने तो चुनाव प्रचार के दौरान जनता से यहां तक कहा था कि वह आखिरी बार पंदूड़ी देने आए हैं और कोई खोट (दोष) हो तो माफ करना देना। लेकिन जनता ने उनकी पंदूड़ी स्वीकार नहीं की।