चीन के खिलाफ भारतीय सेना के पास इजरायल का सबसे खतरनाक हथियार, एक मिनट में करता है 700 गोलियों की बौछार

अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) चीन और भारत (India China) के बीच वास्‍तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर टकराव का दूसरा क्षेत्र है। पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladkah) में इस समय तनाव जारी है तो वहीं इस हिस्‍से में भी सेना मुस्‍तैद है और वह भी नए हथियारों के साथ जिसमेंं कुछ हथियार इजरायल के भी हैं।

Negev-Israel

तेल अवीव: भारत का नॉर्थ ईस्‍ट जितना खूबसूरत है उतना ही संवेदनशील भी है। चीन की सीमा से सटे इस हिस्‍से पर हर समय भारतीय सेना मुस्‍तैद रहती है। अरुणाचल प्रदेश वह राज्‍य है जहां पर सेना की तैनाती सबसे ज्‍यादा है। यहां पूरे लाव-लश्‍कर के साथ सेना हमेशा तैनात रहती है। पिछले एक साल में यहां सेना की तैनात को और मजबूत बनाया गया है। उसे नए हथियारों से लैस किया गया है और इनमें ही हैं इजरायल की बनी नेगेव लाइट मशीन गन। यह हथियार पिछले ही साल भारतीय सेना को मिला है और अब उसका अहम हिस्‍सा बन गया है। इसके आने के बाद से सेना की ताकत में बड़ा इजाफा हुआ है।

मार्च 2012 में लॉन्‍च
मार्च 2012 में इजरायल वेपंस इंडस्‍ट्रीज ने ऐसी लाइट मशीन गन्‍स को डेवलप करने का ऐलान किया जो हर तरह के युद्ध में कारगर साबित हो सके। इसकी पहली झलक उस साल भारत में हुई डिफेंस एक्‍स्‍पो और चिली में हुए एयरोस्‍पेस फेयर में देखने को मिली थी। नेगेव दुनिया की इकलौती ऐसी लाइट मशीन गन है जो सेमी-ऑटोमैटिक मोड और सिंगल बुलेट शूटिंग के लिए प्रयोग की जा सकती है। नेगेव को इजरायल की डिफेंस फोर्सेज भी प्रयोग करती हैं। यह बात और भी दिलचस्‍प है कि इस मशीन गन का नाम इजरायल के दक्षिण में पड़ने वाले इलाके नेगेव पर पड़ा है।

सिर्फ आठ किलो है वजन
सेमी-ऑटोमैटिक फायरिंग की वजह से इस मशीन गन को युद्ध की स्थिति जिसमें अचानक हमला, करीब से हमला होने पर आसानी से प्रयोग किया जा सकता है। यहां तक कि इसमें इंस्‍टॉल टेलीस्‍कोप की वजह से भी दुश्‍मन पर हमला किया जा सकता है। ऑटोमैटिक मोड में यह मशीन गन एक मिनट में 700 से ज्‍यादा गोलियां फायर कर सकती है।

सिर्फ आठ किलोग्राम की इस मशीन गन को कहीं से भी फायर किया जा सकता है। यहां तक कि हेलीकॉप्‍टर, टैंक और नौसेना के जहाज से भी इस मशीन गन से फायरिंग की जा सकती है। इसमें लगा गैस रेगुलेटर इसे मुश्किल परिस्थितियों में एक्‍स्‍ट्रा पावर देता है। इस खासियत की वजह से इसे धूल और कीचड़ में भी ऑपरेट किया जा सकता है। गलती से फायरिंग न हो इसके लिए इसमें चार तरह के सेफ्टी फीचर्स भी दिए गए हैं। नाटो सेनाएं भी इसका प्रयोग कर रही हैं।

121 लाख डॉलर का सौदा
साल 2020 में भारत के रक्षा मंत्रालय ने इजरायल के साथ करीब 121 लाख डॉलर के साथ एक डील साइन की थी। इजरायल वेपंस इंडस्‍ट्रीज के साथ हुई इस डील के 16,479 नेगेव लाइट मशीन गन को खरीदने पर रजामंदी बनी थी। भारत आने से पहले इस हथियार को कई तरह के टेस्‍ट्स और परीक्षण से गुजारा गया है। नेगेव 7.62X51mm एलएमजी युद्ध में खरा उतरने वाला हथियार है और इसे कई देश प्रयोग कर रहे हैं।

इसकी रेंज तो ज्‍यादा है ही साथ ही साथ इसकी विध्‍वंसक क्षमता भी काफी ज्‍यादा है। रक्षा विशेषज्ञों ने इसे भारतीय सेनाओं में प्रयोग हो रही बाकी राइफल्‍स के मुकाबले काफी खतरनाक करार दिया है। इस एलएमजी को खरीदने का फैसला मार्च 2020 में लिया था। उसी साल मई में चीन के साथ लद्दाख में तनाव की शुरुआत हुई थी। इस तनाव के बाद फैसला लिया गया कि पाकिस्‍तान से सटी एलओसी और चीन के साथ सटी एलएसी पर इसको तैनात किया जाएगा।