इसे कहते हैं कठोर मेहनत से अपनी किस्मत खुद लिखना, पंचर लगाते हुए ये युवक बन गया IAS

नई दिल्ली: हौंसलें बुलंद हों तो तो जिंदगी में कुछ भी हासिल किया जा सकता है। आज भी ऐसे कई लोग हैं जिनके लिए दो वक़्त की रोटी जुटा पाना भी काफी मुश्किल हैं लेकिन इसके बावजूद वे जिंदगी में आगे बढ़ने के सपने देख रहे हैं। आज कहानी एक ऐसे ही IAS अफसर की जिसने तमाम मुश्किलों का सामना किया लेकिन हार नहीं मानी।

इस अफसर का नाम वरुण बरनवाल है। वरुण आज IAS के पद पर अपनी सेवाएँ दे रहे हैं। लेकिन आपको बता दें कि वरुण ने बहुत ही गरीबी में अपना बचपन काटा है। उन्होंने साइकिल का पंचर लगाकर जैसे तैसे जिंदगी काटी लेकिन उन्होंने अपनी पढ़ाई में एक रुपया भी खर्च नहीं किया। लेकिन आज वे IAS बन अपना सपना पूरा कर चुके हैं। आइए जानते हैं खबर को विस्तार से।

गरीबी में बीता वरुण का बचपन

आमतौर पर मुश्किलें हर किसी के जीवन में होती हैं लेकिन इन मुश्किलों का सामना करने वाला व्यक्ति ही जिंदगी में आगे बढ़ पाता है। आज कहानी एक ऐसे ही अफसर की जिन्होंने मुश्किलों से अपने सपने को पूरा किया और IAS अफसर बने। वरुण बरनवाल महाराष्ट्र के बोईसर के रहने वाले हैं। आज वे IAS के पद पर तैनात हैं।

लेकिन वरुण का सफर काफी मुश्किलों भरा था। वरुण ने अपना बचपन बेहद ही गरीबी में काटा है। वरुण के परिवार की आर्थिक स्थिति बिल्कुल भी अच्छी नहीं थी उनके पास पढ़ाई के लिए भी पैसे नहीं थे। वरुण ने 2006 में 10वीं की परीक्षा को दिया था लेकिन परीक्षा खत्म होने के बाद वरुण के पिता का देहांत हो गया। तभी वरुण ने पढ़ाई छोड़ने का फैसला कर लिया था।

इसी के बाद वरुण का 10वीं का परिणाम आया जिसमें उन्होंने स्कूल में टॉप कर लिया था। इसके बाद वरुण के परिवार ने उनका पूरा साथ दिया। वरुण की माँ ने फैसला किया कि वे सब मिलकर कमाएंगे और वरुण सिर्फ पढ़ाई करेंगे। ऐसे में वरुण ने भी स्कूल से आने के बाद 2 बजे से रात 10 बजे तक ट्यूशन लेना शुरू किया

 

पढ़ाई में नहीं खर्च किया खुद का 1 रुपया

बता दें कि वरुण के पास 10वीं में दाखिले के लिए भी पैसे नहीं थे। ऐसे में ये बात एक डॉक्टर को पता चली जो वरुण के पिता का इलाज करते थे तभी उन्होंने वरुण को दाखिले के लिए पैसे दिए। लेकिन इसके बाद उनके लिए साल की फीस भरना काफी मुश्किल था लेकिन उन्होंने प्रिंसिपल से फीस माफ करने की अपील की जो स्वीकार कर ली गई।

इस दौरान वरुण ने साइकिल पंचर की दुकान पर भी काम किया था। इसके बाद वरुण ने इंजीनियरिंग में दाखिला लिया जिसके लिए 1 लाख रूपये जैसे तैसे जुटा लिए लेकिन इसके बाकी सालों की फीस भरना वापस से वरुण के लिए मुश्किल हो गया था। ऐसे में वरुण ने 86% लाकर कॉलेज का रिकॉर्ड तोड़ा लेकिन फिर भी कॉलेज की तरफ से फीस माफ नहीं की गई तब वरुण के दोस्तों ने उनकी फीस भरी।

बढ़िया नौकरी छोड़ शुरू की UPSC की तैयारी

बता दें कि पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें कई बड़ी कंपनियों से नौकरी के ऑफर आने लगे थे लेकिन वरुण ने इन सभी ऑफर को ठुकरा दिया। अब वरुण UPSC पास कर अफसर बनना चाहते थे। हालांकि शुरुआत में उन्हें ये नहीं पता था की तैयारी कैसे करनी चाहिए।

इसके बाद वरुण के एक भईया ने उनकी UPSC पास करने में मदद ली। इसके बाद वरुण ने सही रणनीति के साथ तैयारी की और फिर 2013 में परीक्षा दी जिसमें उन्हें 32वीं रैंक मिली और उनका IAS बनने का सपना पूरा हो गया।