ITI ने छात्रों को दिया कॉन्फिडेंस, मार्केट की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने शुरू किए कई कोर्स

ITI Courses after 12th: आईटीआई के छात्र कोर्स पूरा करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए सीधे किसी भी डिग्री या डिप्लोमा प्रोग्राम में एडमिशन ले सकते है

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ITI करने के बाद नौकरी के साथ-साथ छात्र Graduation में भी ले सकते हैं एडमिशन।
Delhi Government ITI Courses : डिप्टी चीफ मिनिस्टर मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को आईटीआई खिचरीपुर (ITI Khichripur) में छात्रों से संवाद करते समय छात्रों से आईटीआई के बाद उनके करियर और कोर्स के महत्व के विषय में बात की। उन्होंने कहा कि आईटीआई जैसे ट्रेनिंग संस्थानों से निकलने वाले प्रतिभाशाली छात्र अपनी क्षमता से भारत के विकास के लिए एक नया चैप्टर शुरू करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि हमारा देश तभी विकसित होगा जब देश के हर एक युवा के पास कौशल होगा। आपको जानकारी दे दें कि दिल्ली सरकार ने इंडस्ट्री और मार्केट की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए आईटीआई (ITI) में कई कोर्स शुरू किए हैं।


ITI ने छात्रों को अपने सपने पूरा करने का दिया है कॉन्फिडेंस

दिल्ली सरकार ने एक बयान कहा कि इन आईटीआई में पढ़ने वाले लगभग 100% बच्चों को फर्मों में रखा गया है और अन्य अपने स्वयं के उद्यम शुरू करने के लिए कुशल हैं। शिक्षा मंत्री ने छात्रों से यह भी पूछा कि वे प्रोफेशनल कोर्स क्यों कर रहे हैं जो वे 10वीं के बाद कर सकते हैं, यहां तक कि 11वीं-12वीं में पढ़ाई पूरी करने के बाद और ग्रेजुएशन के बाद भी कर सकते हैं। छात्रों ने कहा कि जब वे स्कूल में थे तो उनमें यह कॉन्फिडेंस नहीं था कि वे अपने करियर की आकांक्षाओं को पूरा कर सकते हैं या नहीं। छात्रों का यह भी कहना था कि उन्हें इस बात पर भी विश्वास नहीं था कि वे भविष्य में कुछ हासिल कर पाएंगे। लेकिन जब से वे आईटीआई आए हैं तब से उन्हें अपने प्रोफेशनल सपनों को पूरा करने के लिए आत्मविश्वास भी मिला है।

दुनिया भर में प्रोफेशनल कोर्स पर किया जा रहा है फोकस
आईटीआई कोर्स को 11वीं-12वीं कक्षा की योग्यता के बराबर माना जाता है और आईटीआई के छात्र कोर्स पूरा करने के बाद सीधे किसी भी डिग्री या डिप्लोमा प्रोग्राम में एडमिशन ले सकते हैं। सिसोदिया ने कहा कि दुनिया भर में प्रोफेशनल कोर्स पर फोकस अधिक किया जा रहा है। इसके साथ ही डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने यह भी कहा कि हालांकि विश्वभर में प्रोफेशनल कोर्स पर जोर दिया जा रहा है लेकिन आज भी भारत के साथ-साथ कई ऐसे देश हैं जहां यह बताया जाता है कि अगर वे ग्रेजुएशन नहीं करते हैं तो वे प्रोफेशनल उपलब्धियां हासिल नहीं कर पाएंगे। इसके विपरीत विकसित देशों में तकनीकी शिक्षा और कौशल निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।