ITR फाइल करने की अंतिम तिथि बी‍ती, अभी तक नहीं भरा रिटर्न तो क्‍या करें? एक्‍सपर्ट से जानिए

नई दिल्‍ली. नौकरीपेशा और अन्‍य साधारण व्‍यक्तियों के लिए वित्त वर्ष 2021-22 की इनकम टैक्‍स रिटर्न फाइल (ITR Filing) करने की लास्‍ट डेट 31 जुलाई थी, जो अब बीत चुकी है. अंतिम तिथि तक भी बहुत से आयकरदाताओं ने अपनी आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है. ऐसा नहीं है कि जिन लोगों ने अभी तक आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है, वो अब ये काम नहीं कर सकते. अब भी वो आयकर रिटर्न तो दाखिल कर सकते हैं, परंतु अब उन्‍हें इसके लिए जुर्माना देना होगा.

अंतिम तिथि बीतने के बाद भी आयकर रिटर्न दाखिल की जा सकती है.

कर सलाहकारों का कहना है कि देर से आयकर रिटर्न दाखिल करने पर जुर्माना तो भरना ही होगा, साथ ही आयकरदाता को रिटर्न में किसी तरह की गलती होने पर उसे सुधारने का मौका भी नहीं मिलता. जो लोग समय पर आयकर रिटर्न फाइल करते हैं, उन्‍हें ही आईटीआर रिवाइज करने का अवसर आयकर विभाग प्रदान करता है.

अब देना होगा जुर्माना
लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, टैक्‍स और निवेश सलाहकार बलवंत जैन का कहना है कि अगर किसी करदाता ने 31 जुलाई 2022 तक आईटीआर फाइल नहीं किया है तो वह अब भी आईटीआर फाइल कर सकता है. लेकिन, अंतिम तिथि बीतने के बाद आईटीआर फाइल करने पर उसे लेट फीस देनी होगी. अगर इनकम टैक्‍सपेयर कि कर योग्‍य आय 5 लाख रुपये तक या इससे कम है तो उसे 1,000 रुपये लेट फीस देनी होगी. वहीं, अगर आयकरदाता की टैक्‍सेबल आय पांच लाख रुपये से ज्‍यादा है तो उसे 5,000 रुपये लेट फीस के रूप में चुकाने होंगे.

नहीं कर पाएंगे रिवाइज
सेबी रजिस्‍टर्ड टैक्‍स और निवेश सलाहकार जितेंद्र सोलंकी का कहना है कि अगर कोई आयकरदाता 31 जुलाई से पहले 31 जुलाई 2022 से पहले आईटीआर दाखिल करता है तो वह किसी एरर होने की स्थिति में आईटीआर को रिवाइज भी कर सकता है. ड्यू डेट के बाद आईटीआर फाइल करने वालों को अपनी इनकम टैक्‍स रिटर्न एडिट करने या रिवाइज करने की अनुमति नहीं होती है.

जितेंद्र सोलंकी का कहना है कि अगर जो आयकरदाता 31 जुलाई 2022 के बाद आयकर रिटर्न दाखिल करेगा उसे पांच हजार से लेकर दस हजार रुपये तक जुर्माना अदा करना पड़ सकता है. पांच हजार रुपये लेट फीस 31 दिसंबर तक आईटीआर फाइल करने पर चुकानी होगी. वहीं, अगर कोई आयकरदाता 31 दिसंबर तक भी आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करता है और इसके बाद आईटीआर फाइल करता है तो उसे 10,000 रुपये लेट फीस के रूप में देने होंगे. हालांकि, जिस आयकरदाता की कर योग्‍य आय पांच लाख रुपये तक या इससे कम है, उसे केवल 1000 रुपये लेट फीस देनी होती है.