जम्बो जेट (Jumbo Jet) आ गया है। 19 अप्रैल, 1971 को जब एयर इंडिया (Air India) का पहला 747 बोइंग विमान बंबई में उतरा तो हर तरफ सिर्फ यही आवाजें गूंज रही थीं। जैसा नाम था वैसा ही था जम्बो जेट। वाकई में यह तब आसमान में उड़ता महल ही था। इसमें पूरा फोकस सुख-सुविधाओं पर ही था।
नई दिल्ली: यह तस्वीर आपको कई तरह से गफलत में डाल सकती है। आपको लग सकता है कि दुल्हन (Dulhan) सी सजी यह लड़की क्या कर रही है? यह किस रेस्तरां या होटल में खाना-पीना चल रहा है? तो, आपको बता दें यह लड़की न तो दुल्हन है। न यह किसी होटल या रेस्तरां (Hotel or Restaurant) में पार्टी चल रही है। यह तस्वीर 1971 की है। एयर इंडिया (Air India) के ‘जम्बो जेट’ के अंदर की। जो लड़की आपको दुल्हन सी दिख रही है वह असल में एयर होस्टेस (Air Hostess) है। तब एयर इंडिया ने पहला बोइंग 747 विमान खरीदा था। यह कहलाता था ‘जम्बो जेट’ (Jumbo Jet)। इसका नाम मौर्य साम्राज्य के महान शासक अशोक (Ashoka Samrat) के नाम पर रखा गया था। यह एयर इंडिया के लग्जरी विमानों के बेड़े का हिस्सा था। इसे तब ‘पैलेस इन द स्काय’ यानी आसमान में महल के तौर पर प्रचारित किया गया था। भारत में जब जम्बो जेट आया था तो सुर्खियां बनी थी। तारीख थी 19 अप्रैल। एयर इंडिया का पहला बोइंग 747 विमान एम्परर अशोका (Emperor Ashoka) बंबई के आसमान में दहाड़े मार रहा था। लोग उत्साह से चीख रहे थे ‘जम्बो जेट’ आ गया है।
भारत पहुंचने पर जम्बो जेट का जोरदार स्वागत हुआ था। भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) के दो मिग विमानों की घेरेबंदी में यह आया था। सांता क्रूज एयरपोर्ट पर जब यह उतरा था तब सुबह के 8.23 बजे थे। एम्परर अशोका का स्वागत तब महाराष्ट्र के गवर्नर, एयर इंडिया के तत्कालीन चेयरमैन जेआरडी टाटा (JRD Tata), एयर इंडिया के महाप्रबंधक एयर मार्शल एमएस चतुर्वेदी के अलावा बड़ी संख्या में लोगों ने किया था।
स्वागत के लिए बना था शामियाना
जेट के स्वागत के लिए एक शामियाना बनवाया गया था। इसे कैप्टन डी बोस लेकर आए थे। उन्होंने इस शामियाने के ठीक सामने जेट को पार्क किया था। इसके स्वागत में तब पुजारी ने गणेश पूजा की थी। एयर इंडिया के सबसे पुराने कर्मचारी ने नारियल फोड़कर इसका श्रीगणेश किया था।
उस समय बोइंग के 707 विमान उपलब्ध थे। लेकिन, जेआरडी टाटा (J R D Tata) ने महंगे और बेहद विशाल 747 विमान को मंगाया था। टाटा की सोच थी कि फ्लाइट में पैसेंजरों को ऐसी सुविधाएं दी जाएं कि उन्हें दुनिया की और किसी फ्लाइट में न मिले। इसमें नफे-नुकसान को नहीं देखा गया था। तब सिर्फ और सिर्फ सुविधा, आराम और शौक को तवज्जो दी गई थी।
शाही महल से कम नहीं था इंटीरियर डेकोरेशन
जम्बो का इंटीरियर डेकोरेशन किसी शाही महल से कम नहीं था। फ्लाइट के अंदर और बाहर भारत की सांस्कृतिक धरोहर की झलक दिखती थी। महाभारत जैसे ग्रंथों की थीम पर इसे सजाया गया था। इसमें भगवान कृष्ण की जिंदगी का दर्शन भी देखने को मिलता था। 747 विमानों में एयर होस्टेस पारंपरिक वेशभूषा में दिखती थीं। बेहद विशाल होने के कारण विमान में शानदार लग्जरी फील मिलता था। इस फ्लाइट में खाने-पीने का विशेष इंतजाम किया गया था। पैसेंजर्स को फ्रूट जूस से लेकर भारतीय शैली की तमाम लजीज डिश मिलती थीं।