ट्रेन और बस में लोग किराया बचाने के लिए दस तरह से दिमाग लगाते हैं. कोई बच्चों की उम्र कम बताता है तो कोई खुद को स्टूडेंट या सरकारी कर्मचारी बता देता है. लेकिन कानपुर में तो हद ही हो गई . यहां एक शख्स टेंपो और बस का किराया बचाने के लिए नकली फौजी बन गया.
किराया बचाने के लिए बना नकली फौजी
यूपी के कानपुर का ये युवक टेंपो और बस का किराया बचाने के लिए फौजी वर्दी, कमांडो जूते और बलिदान बेच लगाकर शहर में फौजी बनकर घूमता रहा. इसने ऐसा सिर्फ इसलिए किया कि कोई इससे किराया न मांगे. और तो और इस शख्स ने एक फर्जी आईकार्ड भी बनवा रखा था, जिससे कि ये एक फौजी के रूप में अपनी पहचान बता सके.
इस तरह नकली फौजी बन कर कई दिनों तक लोगों पर रौब जमाता रहा और अपना किराया बचाता रहा. लेकिन उसका ये झूठ का खेल ज्यादा समय तक नहीं चला और इस खेल का पर्दाफाश होते ही पुलिस ने उस नकली फौजी को धर दबोचा.
फौजी के कपड़े पहन कर घूमता था
आजतक की खबर के अनुसार इस युवक की वेशभूषा देखकर ऑटो और बस वाले उसे फौजी समझते थे और उससे किराया नहीं मांगते थे. युवक भी इसी तरह नकली फौजी बन कर मौज लेता रहा. इस युवक की पोल तब खुल गई जब सोमवार को एक ऑटो वाले ने कल्याणपुर इलाके में उससे किराया मांग लिया.
खुद के झूठ पर हद से ज्यादा घमंड करने वाले इस युवक ने किराया मांगने पर ऑटो वाले को फौजी होने का रौब दिखाया और उससे भिड़ गया. हालांकि टेंपो वाला डरा नहीं और उसने पुलिस को सूचना दे दी. जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंच कर उस नकली फौजी से पूछताछ करने लगी । इस पूछताछ के दौरान उस ढोंगी युवक की पोल खुल गई और ये बात सामने आ गई कि वह नकली फौजी बन कर लोगों को मूर्ख बना रहा था.
ऐसे हुआ झूठ का पर्दाफाश
पुलिस ने इस नकली फौजी से फर्जी आईकार्ड, आधार कार्ड और एक नेमप्लेट बरामद की. उससे पूछताछ करने पर पता चला कि इस चालबाज का असली नाम पंकज सिंह है और वह एटा का रहने वाला है. पुलिस की सख्ती से की गई पूछताछ के बाद धीरे धीरे उसने सच बताना शुरू किया और कहा कि उसे घूमने का शौक है लेकिन उसके पास इतना किराया नहीं रहता कि वह हर जगह घूम सके
ऐसे में उसे पता चला कि टेंपो या बस वाले फौजियों से किराया नहीं लेते. उसने एक बार एक टेंपो ड्राइवर को एक फौजी का किराया माफ करते देखा था. सम्मान के रूप में उस ऑटो ड्राइवर ने बिना शुल्क अपने ऑटो में बिठाया । यही देख कर इस युवक के दिमाग में नकली फौजी बनने की योजना आई. इस तरह वह किराया बचाने के लिए नकली फौजी बनकर घूमने लगा.
उसने इसके लिए फौजी की वर्दी और कामंडो के जूते भी खरीदे. इसके साथ ही उसने फौजी होने का प्रमाण देने के लिए एक फर्जी आईकार्ड भी बनवाया. युवक ने बताया कि हर जगह फौजी की वर्दी पहनकर जाने लगा, जिससे कि वह लोगों को फौजी लगे. उसका शरीर भी अच्छा था जिससे कि लोग पहचान नहीं पाते थे कि वह नकली फौजी है.
पुलिस ने पकड़ लिया झूठ
पुलिस का कहना है कि इस नकली फौजी का भेद तक खुला जब इसकी एक टेंपो वाले के साथ किराए को लेकर लड़ाई हो गई. पुलिस उसे थाने ले गई और पूछताछ करने लगी । इसी पूछताछ में उसकी असलियत सामने आ गई. ये नकली फौजी उस समय पकड़ा गया जब पुलिस ने इसे किराया ना देने के लिए लड़ते देखा. पुलिस को ये बात समझ आ गई कि अगर ये असली फौजी होता तो किराए के लिए कभी नहीं लड़ता क्योंकि कोई सैनिक सिर्फ किराया माफ कराने के लिए लड़ाई नहीं कर सकता. अब आरोपी पंकज की एफआईआर लिखकर उसे जेल भेज दिया गया है.