जाने वालों को जय श्री राम, बताकर जाते “हर्ष महाजन” तो करते विदाई समारोह का आयोजन

शिमला, 29 सितंबर : भाजपा ने मिशन लोटस के तहत देशभर में कांग्रेस नेताओं को पार्टी में शामिल करने की मुहिम चलाई है।जिसके तहत 500 करोड़ रुपये का बजट भाजपा ने हिमाचल के लिए रखा है, लेकिन कांग्रेस पार्टी संघर्ष करने से नहीं डरती है। अगर भाजपा का संगठन मजबूत है, तो भाजपा दिनदिहाड़े इस तरह की डकैती क्यों कर रही है। इससे लगता है कि भाजपा को अंदर की सच्चाई पता है। यह बात शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान कांग्रेस महासचिव विक्रमादित्य सिंह ने कही।

        विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि विधानसभा चुनाव काफी नजदीक है। आचार संहिता कभी भी लागू हो सकती है। ऐसे में आने वाले दिनों में ये गतिविधियां और भी बढ़ेगी। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि जो गया है उसको जय श्री राम, जिसने जाना है वो जाए, जिसने आना है वो आए। हर्ष महाजन अगर बताकर जाते तो उनके लिए विदाई समारोह करते फूल माला पहनाकर उनको विदा करते। हर्ष महाजन वीरभद्र सिंह की सरकार में सबसे वफादार लोगों में से एक थे।

            पार्टी ने उनको हमेशा मान सम्मान दिया, लेकिन अब कैसे उनका हृदय परिवर्तन हुआ यह वो जाने। उनके जाने से रत्ती भर फर्क पार्टी को नहीं पड़ेगा। दो तिहाई बहुमत से हिमाचल में कांग्रेस सरकार बनेगी। कांग्रेस के पास अनुभव और नेतृत्व की कमी नहीं है। वरिष्ठ और युवा नेता मिलकर प्रदेश में कांग्रेस को मजबूत करेंगे और टिकटों में भी युवाओं को मौका दिया जाएगा।

   विक्रमादित्य सिंह ने चुनौती देते हुए मुख्य्मंत्री से पूछा है कि बताएं चम्याना के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के लिए किसने बजट रखा था। मुख्यमंत्री ने राजनीतिक लाभ के अस्पताल का आनन फानन में उद्घाटन किया जबकि स्टाफ की व्यवस्था वहां नहीं है।

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मंडी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को लेकर मुख्यमंत्री हवाई बाते कर रहे हैं। एक उसी के लिए पैसा केंद्र से नहीं आया है। 80 हजार करोड़ रुपये के निवेश की बाते हुई, लेकिन एक पैसे का निवेश भी प्रदेश में नही हुआ है। सरकारी खर्चे पर आज़ादी के अमृत महोत्सव के नाम पर चुनावी जनसभाओं का आयोजन किया जा रहा है। एक टके का योगदान भी भाजपा के नेताओं का देश के आज़ादी की लड़ाई में नहीं रहा है।

लोगों के टैक्स के पैसे से जनसभाओं का आयोजन किया जा रहा है। कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता सशक्त है और आगामी चुनावों में उपचुनाव की तरह कांग्रेस को समर्थन देंगे।

हिमाचल में चुनाव प्रदेश के मुद्दों पर लड़ें जाएंगे, न कि मोदी के नाम पर चुनाव होंगे। प्रधानमंत्री की मंडी में रैली होनी थी, जिसके लिए सरकार ने करोड़ों खर्चे लेकिन न प्रधानमंत्री और न ही प्रदेश को कुछ मिला।