जमानत की कोशिश में जेल की हवा, डर के मारे निदेशकों को उच्च न्यायालय की शरण में जाना पड़ा महंगा

कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक में हुए साढ़े उन्नीस करोड़ रुपए के लोन घोटाले में नामजद यूआर सिंटर उद्योग के तीन निदेशकों के साथ केसीसीबी के दो पूर्व निदेशकों व दो निदेशकों का गिरफ्तारी के डर से अग्रिम जमानत के लिए उच्च न्यायालय की शरण में जाना ही चार निदेशकों के लिए जेल की हवा खाने का अहम कारण बना है। हालांकि अगर ये लोग अग्रिम जमानत के लिए उच्च न्यायालय के रुख न करते तो शायद कुछ दिन और गिरफ्तारी से बच सकते थे। इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद विजिलेंस अभी तक इस मामले के साक्ष्य जुटा ही रही थी कि बैंक के दो पूर्व व दो वर्तमान निदेशकों के साथ यूआर सिंटर उद्योग के तीन निदेशक अग्रिम जमानत के लिए उच्च न्यायालय की शरण में चले गए और उच्च न्यायालय द्वारा अग्रिम जमानत खारिज होने पर अब बैंक के निदेशक तो जेल की हवा खा रहे हैं, जबकि यूआर सिंटर उद्योग के निदेशक गिरफ्तारी से बचने के लिए अभी भी भूमिगत ही हैं। उच्च न्यायालय द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने पर यूआर सिंटर उद्योग के निदेशक गिरफ्तारी से बचने के लिए भूमिगत हो गए, लेकिन लोन सेंक्शन कमेटी के चार निदेशक पुलिस के हत्थे चढ़ गए। डीएसपी विजिलेंस अनिल मेहता का कहना है कि पुलिस मामले की जांच कर रही है और फरार चल रहे यूआर सिंटर उद्योग के निदेशकों की तलाश जारी है।