जयपुर: 140 साल पहले एक पहलवान ने शुरू की थी मिठाई की दुकान, आज चौथी पीढ़ी की बेटियां चलाती हैं

राजस्थान का खाना (Rajasthan Food) अपने तीखेपन के लिए जाना जाता है. रेगिस्तान की जलाने वाली गर्मी से शरीर को ठंडा रखने के लिए यहां के लोग अपने खाने में ज़्यादा मिर्च-मसाले डालते हैं. फिर चाहे वो शाकाहारी खाना हो या मांसाहारी, कूटी हुई लाल मिर्च के बिना खाना अधूरा है. अगर आप तीखा न खाते हो और राजस्थान घूमने गए हों तो ज़रा संभलकर ही यहां का खाना चखिएगा. बाद बाकी फ़ूडीज़ के लिए तो इस राज्य की हर गली में स्वर्ग की अनुभूति करवाने वाला स्वाद मिल जाएगा.

Hawa MahalUnsplash

राजधानी और गुलाबी शहर के नाम से मशहूर जयपुर (Pink City Jaipur) का हवा महल (Hawa Mahal) दुनियाभर में मशहूर है. हवा महल के पास की है गली में है हलवाई की एक छोटी सी दुकान, नाम है महावीर रबड़ी भंडार (Mahaveer Rabri Bhandar, Jaipur). इस दुकान का महत्व इसी फ़ैक्ट से समझ लीजिए की शहर की कई गलियों में इस नाम से दुकानें चलती हैं. कुछ दुकानों के तो सोशल मीडिया पेज भी मिल जाएंगे. असली महावीर रबड़ी भंडार, हवा महल के पास है और 140 सालों से जयपुर और राजस्थान के लोगों की ज़ुबान पर मिठास को बरकरार रखा है.

एक पहलवान ने खोली थी मिठाई की दुकान

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इस ऐतिहासिक दुकान के पीछ की कहानी भी बेहद दिलचस्प है. दे बेटर इंडिया के लेख के मुताबिक, हवा महल के पास मिश्रा राजाजी की गली में है ये छोटी सी दुकान. इस दुकान की नींव रखने वाले कपूरचंद जैन अखाड़ा चलाते थे और पहलवान थे. उन्हें खाने का और लोगों को खिलाने का शौक था. लोगों को अच्छा और पौष्टिक आहार देने के इरादे से उन्होंने दूध और रबड़ी बेचने का काम शुरू किया.

बेटियां चला रही हैं ये दुकान

Rabri Times Food/Presentational Image

महावीर रबड़ी भंडार (जैन) की सिर्फ़ ‘उम्र’ ही नहीं एक और बात इसे बेहद खास बनाती है. इस दुकान को तीसरी और चौथी पीढ़ी की बेटियां संभाल रही हैं. दुकान को संभाल रही तीसरी पीढ़ी की सीमा बड़जात्या ने बताया कि उनके कपूर चंद जैन उनके दादा थे. कपूर चंद के हाथों की रबड़ी का स्वाद लोगों की ज़ुबान पर ऐसा चढ़ा कि आज सालों बाद भी कायम है. धीरे-धीरे कपूर चंद ने रबड़ी के अलावा अन्य मिठाइयां भी बेचनी शुरू की. आज इस दुकान को कपूर चंद की पोती सीमा, पति अनिल और उनकी बेटी अमृता संभाल रहे हैं.

नई पीढ़ी ने बढ़ाया व्यापार

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आज इस दुकान पर सिर्फ़ रबड़ी नहीं बल्कि थाली, कई तरह की मिठाइयां, राजस्थानी व्यंजन मिलते हैं. रोज़ाना यहां 200 किलोग्राम तक सब्ज़ी तैयार होती है. 80-200 रुपये तक की थाली मिलती है, और आज के समय में ये काफ़ी किफ़ायती है.

जयपुर घूमने का प्लान बने तो यहां की आलू प्याज़ की सब्ज़ी और ऐतिहासिक रबड़ी चखना न भूलें.