शिमला. हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कार्यभार संभालते ही एक्शन मोड में आ गए हैं. विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस के निशाने पर जल शक्ति विभाग पर सरकार ने हंटर चलाया है. विभाग में अंडर प्रोसेस चल रहे सभी पेंडिंग टेंडर पर रोक लगा दी गई है और विभाग को कोई भी टेंडर अवॉर्ड नहीं करने के आदेश दिए गए हैं. बता दें कि जयराम सरकार में महेंद्र सिंह ठाकुर जलशक्ति मंत्री थे. ऐसे में अब सरकार ने सभी अफसरों को निर्देश दिए हैं कि आगामी आदेशों तक लेटर ऑफ कंसेंट जारी न किया जाए और पेमेंट पर भी रोक लगा दी गई है.
भर्ती पर भी लगाई पाबंदी
सरकार ने निर्देश दिए हैं कि आगामी आदेशों तक जल शक्ति विभाग में पैरा पंप ऑपरेटर, पैरा फीटर, मल्टी पर्पज पैरा कुक, पैरा हेल्पर इत्यादि की भर्ती के लिए आवेदन न लिए जाएं. इन पदों पर पूर्व सरकार के कार्यकाल में भर्तियां हुई थी और अक्सर कांग्रेस इनमें गड़बड़ी के आरोप लगाती रही है. मुख्यमंत्री ने विभाग को निर्देश दिए कि 1 जून 2022 से 15 दिसंबर 2022 तक जितने भी काम के उद्घाटन व शिलान्यास किए गए, उनकी पूरी जानकारी CM कार्यालय को मुहैया कराई जाए.
निशाने पर महेंद्र सिंह ठाकुर, गंभीर आरोप लगते रहे
गौरतलब है कि पूर्व जल शक्ति मंत्री रहे महेंद्र सिंह ठाकुर 5 साल तक कांग्रेस के निशाने पर रहे. उन पर विपक्ष करोड़ों के घोटाले के आरोप लगाता रहा. यही वजह है कि कांग्रेस की चार्जशीट में भी जल शक्ति विभाग में करोड़ों के टेंडर घोटाले के आरोप लगाए गए. आरोप लगाया कि करोड़ों रुपये के टेंडर 2 ही कंपनियों को दिए गए. चुनावी साल में विभाग पर करोड़ों रुपये की घटिया क्वालिटी की पाइप खरीदने के आरोप कांग्रेस ने लगाए थे. यही वजह है कि मुख्यमंत्री सुक्खू ने टेंडर प्रक्रिया रोक दी है. सीएम सुखविंदर सुक्खू ने सोमवार को स्पष्ट किया है कि उनकी सरकार में भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी.