श्राइन बोर्ड ने कटड़ा से भवन तक की सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। भीड़ पर नियंत्रण के लिए कैमरों से नजर रखी जा रही है। इसके अलावा इनफोर्समेंट टीमों को लगाया गया है। आपात स्थिति में भक्तों को रोकने के लिए छह हाल्ट प्वाइंट बनाए गए।
नए वर्ष पर माता वैष्णो देवी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भक्त लगातार भवन की तरफ बढ़ते जा रहे हैं। शनिवार देर शाम तक करीब 50 हजार से अधिक दरबार के लिए कड़ी निगरानी के बीच रवाना हो चुके हैं। पिछले वर्ष हुए हादसे से सबक लेते हुए इस बार भीड़ को नियंत्रित करने के विशेष इंतजाम किए गए हैं।
आरएफआईडी कार्ड के बिना किसी को आगे नहीं बढ़ने दिया गया। यात्रा मार्ग पर भीड़ पर 500 सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जा रही है। श्राइन बोर्ड सहित स्थानीय प्रशासन विशेष रूप से सतर्क है। बोर्ड ने बाणगंगा से भवन तक सुरक्षा के बेहतर प्रबंध किए गए हैं।
सुरक्षाबलों की तैनाती के साथ भीड़ बढ़ने पर आपात स्थिति में यात्रियों को रोकने के लिए छह हाल्ट प्वाइंट भी बनाए गए। भवन से मिली जानकारी के अनुसार भक्तों को दर्शन के बाद रुकने नहीं दिया जा रहा है। इसके लिए इनफोर्समेंट टीमें नियुक्त की गई हैं। बाणगंगा से भवन तक लगभग पांच सौ सीसीटीवी से नजर रखी जा रही है।
इनकी मॉनिटरिंग श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यालय में उच्चाधिकारियों की मौजूदगी में की जा रही है।नववर्ष पर यात्रा में वृद्धि की संभावना के चलते धर्मनगरी से भवन तक छह होल्डिंग क्षेत्र निर्धारित किए गए हैं, ताकि किसी विषम परिस्थिति में भक्तों को इन स्थानों पर रोका जा सके।
ये होल्डिंग क्षेत्र भवन में दुर्गा भवन टैरेस, सांझी छत, अर्द्धकुंवारी, दर्शनी ड्योढ़ी, ताराकोट मार्ग व कटड़ा में निर्धारित हैं। इन सभी हाल्ट प्वाइंट पर पुलिस बल व श्राइन बोर्ड अधिकारियों की विशेष टीम मौजूद हैं, ताकि यात्रियों को सरलता से नियंत्रित किया जा सके।
इसी व्यवस्था में दर्शनी ड्योढ़ी से शाम छह बजे तक 35 हजार से अधिक भक्त माता के भवन की ओर प्रस्थान कर चुके थे। पंजीकरण कक्ष के बाहर लगी कतारों से उम्मीद थी कि 31 दिसंबर की रात को 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालु माता के चरणों में माथा टेकेंगे।
शनिवार को धर्मनगरी के मुख्य बस स्टेंड और बस स्टेंड नंबर दो को भी लगभग खाली रखा गया, तथा 10 वाहनों से अधिक को खड़ा करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। अतिरिक्त वाहनों को निर्माणाधीन न्यू बस स्टेंड पर खड़ा किया जा रहा है। यह व्यवस्था आगे भी भीड़ बनी रहने तक जारी रहेगी।
31 दिसंबर के लिए दिया विशेष आरएफआईडी कार्ड
31 दिसंबर के लिए आरएफआईडी कार्ड को विशेष रखा गया, जिसमें कार्ड पर एक अतिरिक्त स्टिकर अंकित था। ऐसा सुरक्षा के नजरिए से किया गया, ताकि कोई भी यात्री पुराने आरएफआईडी कार्ड के साथ दर्शन को न जा सके। यह स्टिकर युक्त कार्ड मात्र 31 दिसंबर के लिए ही मान्य था।