Jammu : मंगलवार को इस बाबत नई दिल्ली स्थित गृह मंत्रालय में हुई उच्चस्तरीय बैठक में इससे निपटने की रणनीति बनाई गई। साथ ही कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा का खाका तैयार किया गया।
कश्मीर घाटी में आतंकी घटनाओं में हो रही लगातार गिरावट के बावजूद कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा केंद्र के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। मंगलवार को इस बाबत नई दिल्ली स्थित गृह मंत्रालय में हुई उच्चस्तरीय बैठक में इससे निपटने की रणनीति बनाई गई। साथ ही कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा का खाका तैयार किया गया।
इस बीच दो दिन पहले आतंकी संगठन द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) की ओर से जिन 56 कर्मचारियों की हिट लिस्ट जारी की गई थी उनमें से छह-सात परिवार मंगलवार को जम्मू लौट आए। उधर कश्मीर में रह रहे पीएम पैकेज कर्मचारियों में दहशत है।
उनका कहना है कि माहौल घाटी में काम करने योग्य नहीं है। सूत्रोंं के मुताबिक केंद्रीय गृहसचिव अजय भल्ला की अगुवाई में हुई इस बैठक में दो दिन पहले आतंकी संगठन द्वारा कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के नाम की सूची सार्वजनिक करने की घटना को काफी गंभीरता से देखा गया। इससे साथ ही सीमा पार से मादक पदार्थ और हथियारों की तस्करी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल की बढ़ती घटनाओं पर भी लंबी चर्चा हुई।
बैठक में कश्मीरी पंडितों, अल्पसंख्यकों तथा बाहरी मजदूरों की टारगेट किलिंग की घटनाओं पर चिंता जताते हुए इस पर प्रभावी नियंत्रण की हिदायत दी गई। सर्विलांस बढ़ाने के साथ ही हाइब्रिड आतंकियों तथा ओजीडब्ल्यू नेटवर्क को ध्वस्त करने पर जोर दिया गया। ज्ञात हो कि गृहमंत्री अमित शाह के अक्तूबर महीने में दौरे के बाद यह पहली उच्च स्तरीय बैठक है।
नवंबर महीने में उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रधानमंत्री से मिलकर जम्मू-कश्मीर के हालात की जानकारी दी थी। इस बैठक में गृहसचिव के अलावा एनआईए प्रमुख दिनकर गुप्ता, आईबी प्रमुख अजय डेका, रॉ प्रमुख सामंत गोयल, जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता, डीजीपी दिलबाग सिंह व खुफिया विभाग के डीजी आरआर स्वैन शामिल हुए। जबकि सीआरपीएफ महानिदेशक सुजाय लाल थाउसेन ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये शिरकत की।
चुनावी प्रक्रिया शुरू होने से पहले सुरक्षा ग्रिड दुरुस्त करने
सूत्रों ने बताया कि घाटी में आतंकी तंत्र को काफी हद तक कमजोर किया जा चुका है। लेकिन पाकिस्तान समर्थित आतंकी हिंसा का माहौल बनाए रखने के लिए पंडितों को निशाना बनाने पर अमादा हैं। इसे रोकने के लिए व्यापक योजना तैयार की जा रही है। इस बैठक के बाद गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत दोभाल सुरक्षा एजेंसियों के साथ इस मुद्दे पर मंत्रणा करेंगे। केंद्र का लक्ष्य है कि जम्मू-कश्मीर में चुनावी प्रक्रिया शुरू होने से पहले सुरक्षा ग्रिड पूरी तरह दुरुस्त हो जाए।
विकास योजनाओं पर भी मंथन
गृह सचिव ने प्रधानमंत्री विकास पैकेज के तहत चल रहे विकास कार्यों की प्रगति की भी जानकारी ली। अलग-अलग सेक्टर में चल रहे काम तथा उनकी प्रगति के बारे में जाना। जम्मू-श्रीनगर हाईवे की प्रगति के बारे में जानकारी लेेते हुए हिदायत दी कि इसके काम में तेजी लाए जाए। सभी बाधाओं को दूर कर यथाशीघ्र इसे पूरा किया जाए ताकि लोगों को 12 महीने हाईवे का लाभ मिल सके। उन्होंने कटड़ा से बनिहाल के बीच रेल लाइन की प्रगति की जानकारी ली।