जसपाल भट्टी… वो शख़्सियत जिसने हमें तब हंसाया जब हमें स्टैंड अप कॉमेडी (Comedy King Jaspal Bhatti), ओपन माइक आदि शब्द भी मालूम नहीं थे. भारत के सबसे मंझे हुए हास्य कलाकारों में से एक हैं जसपाल भट्टी. “हैं” इसलिए क्योंकि जसपाल भट्टी जैसे लोग दुनिया से चले जाते हैं लेकिन उनका फन, उनकी कला, उनका अदाकारी अमर हो जाती है.
राजनीतिक व्यंग्य और आम आदमी पर कसे तंज
जसपाल भट्टी राजनीतिक व्यंग्य और आम आदमी की ज़िन्दगी पर तंज कसते थे. एक रिपोर्ट की मानें तो उनके राजनीतिक व्यंग्य से बौखलाए नेताओं ने 10 एपिसोड के बाद उनका शो, “फ़्लॉप शो” बंद करवा दिया था.
ब्लैड ऐंड व्हाइट के ज़माने में लोगों को खूब हंसाया
जसपाल भट्टी दूरदर्शन पर तब आते थे जब ज़्यादातर घरों में ब्लैक ऐंड व्हाइट टीवी होता था. ब्लैक ऐंड व्हाइट पर्दे पर ही जसपाल ने अपने मज़ाकिया अंदाज़ से माहौल रंगीन कर दिया था. जसपाल ने उस ज़माने में कॉमेडी किंग बने जब सिर्फ़ दो ही सरकारी चैनल आते थे- दूरदर्शन और डीडी मेट्रो.
जसपाल भट्टी का फ़्लॉप शो जो रहा हिट
जसपाल भट्टी ने दूरदर्शन पर फ़्लॉप शो शुरू किया. इस शो को उन्होंने खुद लिखा, निर्देशित किया और उसमें एक्ट किया. नेताओं पर कसा तंज भला नेता कैसे सहते. 10 एपिसोड के बाद शो को बंद करना पड़ा था. सामाजिक और ज़रूरी मुद्दों पर बात तो नेताओं को न तब भाति थी और न अब भाति है. जनता को नेताओं पर ये सकारात्मक कटाक्ष पसंद आया और जसपाल घर-घर के चहेते बन गए. फ़्लॉप शो की प्रोड्यूसर थी जसपाल भट्टी की पत्नी, सविता. शो में सविता ने जसपाल के ऑन स्क्रीन पत्नी की किरदार निभाया.
कॉमेडी के सरदार-ए-आज़म
5 मार्च, 1955 में अमृतसर, पंजाब में कॉमेडी के सरदार-ए-आज़म का जन्म हुआ. जसपाल ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और वो साथ ही स्ट्रीट प्लेज़ में भी पार्ट लेते रहते थे और यहीं से उनका नाम बनने लगा. जसपाल ने 1985 में सविता से शादी की. दोनों की लव स्टोरी पढ़कर ही अलग सा सुकून मिल जाता है.
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लोग ख़ुद को जसपाल भट्टी से जोड़कर देखते
90 के दशक के शुरुआत में जसपाल भट्टी का फ़्लॉप शो लोगों पर इतना असर डालने लगा कि लोग उनसे जुड़ा हुआ महसूस करने लगे. आम सी बात को ख़ास अंदाज़ में पेश करने वाले जसपाल से लोगों को बहुत ज़्यादा लगाव होने लगा. उनका स्टाइल ही कुछ ऐसा था कि किसी को भी अपना फ़ैन बनाने में क़ामयाब हो जाते थे जसपाल.
फ़िल्मों में भी किया काम
जसपाल भट्टी ने कई फ़िल्मों में काम किया. वे ‘हमारा दिल आपके पास है’, ‘फ़ना’, ‘कुछ मीठा हो जाए’, ‘इक़बाल’, ‘आ अब लौट चले’ ‘कुछ ना कहो’, ‘कोई मेरे दिल से पूछे’ में नज़र आए.
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25 अक्टूबर, 2012 को भारतीय कॉमेडी के सरदार-ए-आज़म ने दुनिया को अलविदा कह दिया.