Jaya Ekadashi 2023: जया एकादशी पर बेहद शुभ योग, जानें महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Jaya Ekadashi Vrat 2023: माघ मास की एकादशी तिथि को जया एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस एकादशी का व्रत करने से सभी पुण्य फलों की प्राप्ति होती है और पूरे परिवार का कल्याण भी होता है। आइए जानते हैं इस एकादशी का महत्व, पूजा विधि, शुभ योग, शुभ मुहूर्त…

 
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Jaya Ekadashi 2023: माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस बार यह शुभ तिथि 1 फरवरी दिन बुधवार को है। जया एकादशी व्रत को भीष्म एकादशी या भूमि एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। पद्म पुराण में बताया गया है कि इस एकादशी के व्रत से अमोघ फल की प्राप्ति होती है और सभी पाप धुल जाते हैं। इस व्रत में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से सुख-समृद्धि प्राप्ति होती है और हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है। माघ माह की इस एकादशी के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दान पुण्य करने से बैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं इस एकादशी का महत्व, पूजा विधि और शुभ योग के बारे में…

जया एकादशी का महत्व
जया एकादशी के दिन लक्ष्मी नारायण का व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और आरोग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही मनुष्य को पृथ्वी लोक के सभी सुख-सुविधाओं को भोगकर अंत में बैकुंठ धाम की प्राप्त करता है। जैसा की इस एकादशी के नाम से पता चल रहा है, यह व्रत सभी कार्यों में विजय दिलाता है और बेहद कल्याणकारी माना गया है। इस व्रत में शंख, चक्र और गदाधारी भगवान विष्णु के स्वरूप की पूजा की जाती है। इस व्रत में दान करने का फल संपूर्ण यज्ञों के बराबर प्राप्त होता है। यह व्रत ना केवल भगवान विष्णु के भक्त को बल्कि उसके पूरे परिवार को कल्याण करता है। यह व्रत करने से आपके आसपास सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बनाता है और पिशाचत्व का भी अंत करता है।

जया एकादशी पर शुभ योग

जया एकादशी पर कई शुभ योग बन रहे हैं, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि नामक महायोग बन रहा है। शास्त्रों में बताया गया है कि इस शुभ योग में भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं। साथ ही इस योग में किए गए कोई भी शुभ कार्य निश्चित ही सफल होता है। हालांकि कुछ समय के लिए एकादशी पर भद्रा का भी साया रहेगा, जो सुबह 07 बजकर 10 मिनट से दोपहर 02 बजकर 01 मिनट तक रहेगा। वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 07 बजकर 10 मिनट से शुरू होगा और अगली सुबह 03 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। यानी पूरे दिन इस योग का प्रभाव बना रहेगा।

जया एकादशी शुभ मुहूर्त
जया एकादशी व्रत 1 फरवरी 2023 दिन बुधवार

एकादशी तिथि का प्रारंभ – 31 जनवरी, मंगलवार सुबह 11 बजकर 53 मिनट से
एकादशी तिथि का समापन – 01 फरवरी, बुधवार दोपहर 02 बजकर 01 मिनट तक होगा, इसके बाद द्वादशी तिथि का आरंभ हो जाएगा।
एकादशी व्रत का पारण – 2 फरवरी, गुरुवार सुबह 07 बजकर 05 मिनट से 12 बजे तक

जया एकादशी व्रत की पूजा विधि

जया एकादशी की तिथि पर ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान व ध्यान से निवृत होकर हाथ में कुछ अक्षत और फूल लेकर व्रत का संकल्प करें। इसके बाद घर के मंदिर में पूजा-अर्चना करें। इसके बाद एक चौकी पर शंख, चक्र, गदा धारण किए हुए चतुर्भुज स्वरूप भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर रखें। फिर पंचामृत से अभिषेक करें और रोली, अक्षत, फल, तुलसी के पत्ते अर्पित करें। इसके बाद सफेद फूल और मिष्ठान अर्पित करें और घी के पांच दीपक जलाएं। दीपक जलाने के बाद एकादशी व्रत की कथा सुनें और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें, इसके बाद तुलसी की माला से बीज मंत्र का जप करें। फिर भगवान की आरती उतारें और दान पुण्य करें। एकादशी व्रत करने के बाद अगले दिन व्रत का पारण भी करें।