Jaypee Homebuyers news: तारीख पे तारीख… जेपी के होमबायर्स को 12 साल से है फ्लैट्स का इंतजार

जेपी ग्रुप (Japee Group) के प्रोजेक्ट्स में फ्लैट बुक कराने वालों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी पर भी इनसॉल्वेंसी में जाने का खतरा मंडरा रहा है। जेपी इन्फ्राटेक (Japee Infratech) पहले से ही इनसॉल्वेंसी से गुजर रही है। इसके होमबायर्स को 12 साल से फ्लैट्स का इंतजार है।

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नई दिल्ली: जेपी ग्रुप (Jaypee Group) की फ्लैगशिप कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (Jaiprakash Associates Ltd) भी इनसॉल्वेंसी में फंस सकती है। एसबीआई (SBI) ने कंपनी के खिलाफ एनसीएलटी (NCLT) का दरवाजा खटखटाया है। ग्रुप की दो कंपनियां आंध्र सीमेंट (Andhra Cement) और जेपी इन्फ्राटेक (Japee Infratech) पहले से ही इनसॉल्वेंसी से गुजर रही हैं। जेपी इन्फ्राटेक के खिलाफ पांच साल पहले इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग शुरू की गई थी। 100 से ज्यादा बार सुनवाई हो चुकी है लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है। हजारों होमबायर्स को अब भी अपने आशियाने का इंतजार है लेकिन फिलहाल उनकी मुसीबतों का अंत होता नहीं दिख रहा है।

जेपी इन्फ्राटेक के खिलाफ नौ अगस्त 2017 को इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन की प्रॉसीडिंग शुरू हुई थी लेकिन चार सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी। 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे फिर से शुरू करने का ऑर्डर दिया। एनबीसीसी, सुरक्षा, लार्सन एंड टुब्रो, कोटक और आईक्यूब ने इसमें दिलचस्पी दिखाई। अगले साल यानी 2019 में जेपी के प्रमोटर मनोज गौड़ ने बकाया क्लीयर करने की बात कही। आईआरपी ने सुरक्षा के ऑफर को वोट के लिए रखा। लेकिन इसे मंजूरी नहीं मिली और डेडलाइन मई में खत्म हो गई। बैंकों ने नए प्लान के लिए अतिरिक्त समय मांगा। उसी साल 30 जुलाई को एनसीएलएटी ने फिर से बोली की अनुमति दे दी। नवंबर में हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने 90 दिन में रिजॉल्यूशन पूरा करने को कहा।

तारीख पे तारीख
तीन मार्च, 2020 में एनसीएलटी ने एनबीसीसी के प्लान को हरी झंडी दे दी। उसी साल अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी से जुड़े सभी मामलों को अपने पास ले लिया। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने एनबीसीसी और सुरक्षा से नई बोलियां मांगी। कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स ने एनबीसीसी के प्लान को खारिज कर दिया। जून में सुरक्षा के हक में वोट दिया गया। लेकिन यह मामला अब भी फंसा हुआ है। 60 से अधिक सुनवाइयों के बाद भी एनसीएलटी में इसे अंतिम रूप नहीं मिला है। इससे होमबायर्स की परेशानी बढ़ गई है जिन्होंने 12 साल पहले जेपी के प्रोजेक्ट्स में फ्लैट बुक कराए थे।

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पूजा महरीश ने जनवरी 2010 में जेपी इन्फ्राटेक के प्रोजेक्ट क्लासिक हाइट्स (Klassic Heights) में फ्लैट बुक कराया था। इसके लिए उन्होंने लोन लिया था। कंपनी ने तब कहा था कि जून 2013 में उन्हें फ्लैट पर कब्जा मिल जाएगा लेकिन वह अब भी किराए के घर में रह रही हैं और साथ ही उन्हें किस्त भी देनी पड़ रही है। कर्नल एसके गुप्ता ने भी उसी वक्त कासा आइल्स (Kasa Isles) में फ्लैट बुक कराया था। वह कहते हैं, अगर मैंने किसी अच्छे म्युचुअल फंड में 10 लाख रुपये निवेश किए होते तो मेरे पास आज एक करोड़ रुपये होते। जेपी के प्रोजेक्ट्स में फ्लैट बुक कराने वाले करीब 20,000 होमबायर्स को 12 साल से अधिक समय से अपने फ्लैट का इंतजार है।

अभी लंबा खिंच सकता है इंतजार
पूजा का कहना है कि वह 35 से 40 हजार रुपये लीगल फीस दे चुकी हैं। पहले नौ एसोसिएशन कंपनी के खिलाफ केस लड़ रही थीं लेकिन अब उनकी संख्या चार रह गई है। कंपनी ने 30,000 से अधिक फ्लैट्स, प्लॉट्स और दुकानों की बुकिंग की थी। इनमें से अधिकांश विश हाउन में हैं। अब तक 13,000 बायर्स को कब्जा दिया गया है। इसमें से 8,500 फ्लैट्स पिछले पांच साल में दिए गए हैं। मार्च तक 3,000 यूनिट्स और देने की योजना है। लेकिन यह भी अंतरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल अनुज जैन के दिए गए शेड्यूल से एक साल पीछे है। उसके बाद भी 12,000 यूनिट्स बाकी रह जाएंगी। सुरक्षा ने 42 महीने में कब्जा देने का प्रस्ताव दिया है। लेकिन होमबायर्स को अपने सपनों के घर के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। इसकी वजह यह है कि एनसीएलटी के ऑर्डर को एनसीएलएटी और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।