जेबीटी/डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगार संघ मंगलवार को शिमला शिक्षा निदेशालय पहुंचे। उन्होंने जेबीटी भर्ती में B.Ed डिग्री धारकों को शामिल करने के सरकार के फैसले का विरोध किया। उनका कहना है कि सरकार NCTE की 2018 की गाइडलाइन का हवाला देकर बैचवाइज जेबीटी भर्ती में बीएड डिग्री धारकों को शामिल कर रही है, जिससे जेबीटी की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है।
बेरोजगार जेबीटी प्रशिक्षुओं ने बताया कि बीएड को जेबीटी भर्ती में शामिल करने के मामले को लेकर राजस्थान हाई कोर्ट ने एनसीटीई की अधिसूचना को खारिज किया, जिसके बाद मामला अब सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। हिमाचल सरकार ने पुराने आरएंडपी रूल के आधार पर ही एनसीटीई की अधिसूचना जारी कर बैच वाइज जेबीटी भर्ती में बीएड डिग्री धारकों को भर्ती के लिए शामिल किया है, जबकि इसके लिए नए आरएंडपी रूल्स बनाए जाने थे।
जेबीटी प्रशिक्षुओं ने बताया कि वह कई बार शिक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री से मामले को लेकर मिले, लेकिन हर बार आश्वासन उन्हें आश्वासन ही दिया गया है। सरकार ने अगर जेबीटी भर्ती में बीएड को मान्यता दी तो जेबीटी ट्रेनिंग को बंद क्यों नहीं करती।