CM Hemant Soren: सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि राजभवन सूत्रों से कथित सूचना के छनकर आने से सरकार, कार्यपालिका और जनता में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है, जो न राज्य के हित में है और ना ही जनता के। बीजेपी इस भ्रम की स्थिति का उपयोग दलबदल के लिए अस्त्र के रूप में करने की कोशिश कर रही है।
रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को राजभवन जाकर राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की। सीएम हेमंत सोरेन की ओर से राज्यपाल को एक पत्र भी सौंप गया है, जिसमें ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में भारत निर्वाचन आयोग के मंतव्य की एक प्रति उपलब्ध कराने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि स्वस्थ्य लोकतंत्र के लिए घातक अनिश्चितता का वातावरण शीघ्र दूर हो। सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में विगत तीन सप्ताह से अधिक समय से अनिश्चिता का माहौल है। इसके चलते आज राज्यपाल के समक्ष उपस्थित होने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है।
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि फरवरी, 2022 से ही बीजेपी यह भूमिका रची जा रही है कि पत्थर खनन पट्टा लिये जाने के आधार पर उन्हें विधान सभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया जाएगा। इस संबंध में भाजपा की ओर से राज्यपाल के समक्ष एक शिकायत भी दर्ज की गई थी। हालांकि संबंधित विषय के संबंध में सर्वाेच्च न्यायालय की ओर से करतार सिंह भदाना बनाम हरी सिंह नलवा और सीकेवी राव बनाम दंतू भाष्कर के मामले में दिये गये आदेश से पूर्व में ही सारी स्थिति स्पष्ट कर दी गई है।
सीएम ने कहा कि सर्वाेच्च न्यायालय के फैसले में कहा गया है कि खनन पट्टा लिये जाने से जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 9ए के प्रावधान के अंतर्गत अयोग्यता उत्पन्न नहीं होती है। इस विषय में मंतव्य गठन के लिए संविधान के अनुच्छेद 192 के अन्तर्गत उनके रेफरेंश के अनुसरण में भारत निर्वाचन आयोग की ओर से सुनवाई भी आयोजित की गई। आयोग की ओर से अपना मंतव्य भी भेज दिया गया है। इसे लेकर 25 अगस्त से ही तरह-तरह की चर्चा है।
यूपीए शिष्टमंडल ने भी की थी मुलाकात
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि इस बाबत यूपीए के एक प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन आकर 1 सितंबर को उनसे मुलाकात भी की थी। शिष्टमंडल ने भी निर्वाचन आयोग के मंतव्य को शीघ्र सार्वजनिक करने के के लिए एक ज्ञापन सौंपा था। उस वक्त उन्हें आश्वास्त किया गया था कि दो-तीन दिनों के अंदर स्थिति स्पष्ट कर दी जाएगी।
कार्यपालिका और जनमानस में भ्रम की स्थिति उत्पन्न
सीएम ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के मंतव्य के संबंध में मीडिया में बीजेपी की ओर से किये जा रहे प्रचार और राजभवन सूत्रों से कथित सूचना के छनकर आने से सरकार कार्यपालिका एवं जनमानस में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है, जो राज्यहित एवं जनहित में नहीं है। बीजेपी इस भ्रम की स्थिति का उपयोग दलबदल के अस्त्र के रूप में कर अनैतिक रूप से सत्ता हासिल करने का प्रयास कर रही है।
सरकार को लगभग दो तिहाई सदस्यों का समर्थन
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी अपनी इस अनैतिक प्रयास में कभी सफल नहीं होगी क्योंकि राज्य गठन के बाद पहली बार उनकी सरकार को लगभग दो तिहाई सदस्यों को समर्थन प्राप्त है। 5 सितंबर को यूपीए सरकार ने विधान सभा पटल पर अपना अपार बहुमत भी साबित किया है। एवं विधायकों द्वारा अधोहस्ताक्षरी के नेतृत्व में अपनी पूर्ण निष्ठा एवं विश्वास व्यक्त किया गया है।